कॉग्निजेंट का शुद्ध लाभ दूसरी तिमाही के दौरान 14 प्रतिशत बढ़कर 64.5 करोड़ डॉलर हो गया। कंपनी ने अपने मुख्य कारोबारी क्षेत्रों, स्वास्थ्य सेवा तथा बैंकिंग, वित्तीय सेवा और बीमा (बीएफएसआई) से ज्यादा कमाई की। पिछले साल के अधिग्रहणों ने भी उसके राजस्व में अच्छा योगदान किया।
नैस्डैक पर सूचीबद्ध इस कंपनी का राजस्व 30 जून को समाप्त तिमाही में 8.1 प्रतिशत बढ़कर 5.25 अरब डॉलर हो गया। यह ब्लूमबर्ग के 5.19 अरब डॉलर के अनुमान से अधिक है और स्थिर मुद्रा में यह 7.2 प्रतिशत बढ़ा। दोनों ही आंकड़े उसकी प्रतिस्पर्धी टीसीएस और इन्फोसिस से काफी बेहतर रहे। जहां स्थिर मुद्रा में टीसीएस के राजस्व में 3.1 प्रतिशत की गिरावट आई, वहीं इन्फोसिस का राजस्व 3.8 प्रतिशत बढ़ा।
कॉग्निजेंट के आंकड़े इस वजह से भी बेहतर रहे क्योंकि कंपनी ने इस तिमाही में 50 करोड़ डॉलर और उससे ज्यादा मूल्य के दो बड़े सौदे किए। इस तरह साल 2025 में उसके कुल सौदे तीन हो गए। कंपनी अगले तीन साल में एक बार फिर भारत की शीर्ष चार आईटी सेवा कंपनियों में शामिल होने के लिए काम कर रही है। मुख्य कार्य अधिकारी रवि कुमार ने गुरुवार को कहा, ‘यह ऐसे बाजार में शानदार तिमाही है जो अब भी अनिश्चित बना हुआ है और व्यापक आर्थिक स्थिति में ज्यादा बदलाव नहीं आया है।’
उम्मीद से बेहतर राजस्व वृद्धि और बड़े सौदों से उत्साहित होकर कंपनी ने समूचे वर्ष के लिए अपने अनुमान के निचले स्तर को कम कर दिया है। कॉग्निजेंट को अब स्थिर मुद्रा में 4 से 6 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है, जो अप्रैल के उसके 3.5 से 6 प्रतिशत के अनुमान से ज्यादा है। 30 सितंबर को समाप्त होने वाली तीसरी तिमाही के लिए कंपनी को 3.5 से 5 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है।
कॉग्निजेंट ने कहा है कि उसने कर्मचारियों के वेतन वृद्धि की समयसीमा के संबंध में अभी कोई फैसला नहीं किया है। इसके लिए उसने कारोबारी माहौल में जारी अनिश्चितता का हवाला दिया है। इसी के साथ कॉग्निजेंट भी कर्मचारियों की वेतन वृद्धि पर फैसला नहीं करने वाली आईटी सेवा कंपनियों की बढ़ती सूची में शामिल हो गई है।
मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) जतिन दलाल ने आय परिणामों पर बातचीत के दौरान बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘मौजूदा आर्थिक माहौल और उससे जुड़ी अनिश्चितता के मद्देनजर हमने वेतन वृद्धि पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है। हमारा प्रयास है कि साल की दूसरी छमाही के दौरान अपने ज्यादातर कर्मचारियों को इसमें शामिल कर लिया जाए। यह फैसला दीर्घकालिक दृष्टिकोण से लिया गया है, जिसमें कर्मचारियों और कारोबार के भविष्य, दोनों में निवेश को ध्यान में रखा गया है।’
कंपनी ने मार्च में आश्वासन दिया था कि पिछले साल की प्रक्रिया के अनुसार अगस्त से वेतन वृद्धि लागू होगी। आम तौर पर वह मार्च में वेतन वृद्धि और बोनस दिया करती थी। लेकिन जब से रवि कुमार मुख्य कार्यकारी बने हैं, बोनस मार्च के लिए तय कर दिए गए हैं जबकि वेतन वृद्धि अगस्त तक तक टाल दी गई। पिछले साल कॉग्निजेंट ने 1 से 5 प्रतिशत के बीच वेतन वृद्धि की थी। पिछले साल 1 सितंबर से वेतन वृद्धि लागू करने वाली विप्रो ने भी इस महीने की शुरुआत में कहा था कि वह मांग परिदृश्य का आकलन करने के बाद ही कोई निर्णय लेगी। टीसीएस, जिसने 12,000 कर्मचारियों को निकालने का फैसला किया है, ने इस साल में वेतन वृद्धि को अनिश्चित काल के लिए टाल दिया है।