अमेरिकी फार्मा कंपनी इलाई लिली ने स्थानीय दवा निर्माताओं के जरिये अनुबंध निर्माण और आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए अगले कुछ वर्षों के दौरान भारत में 1 अरब डॉलर से अधिक निवेश की घोषणा की है। कंपनी अपने वैश्विक निर्माण का दायरा बढ़ाने के लिए कुशल कर्मियों पर ध्यान दे रही है।
इस निवेश में हैदराबाद में एक निर्माण और वैश्विक दवा आपूर्ति केंद्र की स्थापना शामिल है। कंपनी ने कहा, ‘यह नया केंद्र पूरे भारत में लिली के अनुबंध निर्माण नेटवर्क के लिए उन्नत तकनीकी क्षमताएं और निगरानी प्रदान करेगा।’
इस साझेदारी का उद्देश्य भारत में कुशल प्रतिभा पूल का लाभ उठाकर कंपनी के वैश्विक विनिर्माण विकास को मजबूत बनाना तथा दुनियाभर के मरीजों को दवाइयां उपलब्ध कराना है। कंपनी ने कहा, ‘इन सुविधाओं और निवेश से मधुमेह और मोटापे, अल्जाइमर रोग, कैंसर और इम्युनिटी संबंधित समस्याओं के इलाज के लिए संभावित नई दवाओं के विकास को बढ़ावा मिलेगा।’
लिली ने कहा कि इसके लिए भर्ती तुरंत शुरू होगी, जिसमें इंजीनियर, केमिस्ट, विश्लेषणात्मक वैज्ञानिक, गुणवत्ता नियंत्रण और एश्योरेंस पेशेवर तथा प्रबंधन पदों के लिए रिक्तियां होंगी।
फार्मा कंपनी की भारत में लंबे समय से उपस्थिति रही है, जिसमें गुरुग्राम में एक वाणिज्यिक साइट और बेंगलूरु और हैदराबाद में विशेष साइटें शामिल हैं जो वैश्विक नवाचार का समर्थन करने वाले केंद्र के रूप में काम करती हैं।
हैदराबाद में यह नया निवेश शहर में एक वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) के उद्घाटन के ठीक एक साल बाद हुआ है। दवा निर्माता कंपनी पहले ही वैश्विक स्तर पर सुविधाओं के निर्माण, विस्तार और अधिग्रहण के लिए 55 अरब डॉलर का निवेश कर चुकी है।
इलाई लिली के कार्यकारी उपाध्यक्ष और लिली इंटरनैशनल के अध्यक्ष पैट्रिक जॉनसन ने कहा कि कंपनी दुनिया भर में विनिर्माण और दवा आपूर्ति क्षमता बढ़ाने के लिए बड़ा निवेश कर रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मरीजों को उनकी जरूरत की दवाएं मिल सकें।