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कोल इंडिया ने मांगी मालभाड़े में रियायत

Last Updated- December 15, 2022 | 3:30 AM IST

राष्ट्रीय खनन कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने भारतीय रेलवे से 700 से 1400 किलोमीटर के दायरे में पडऩे वाली बिजली इकाइयों को की जाने वाली कोयला आपूर्ति के भाड़े में रियायत देने के लिए कहा है। सीआईएल ने इस दायरे में स्थित अपने उपभोक्ताओं के लिए कोयले के परिवहन पर लगाने वाले माल भाड़े में 15 फीसदी की रियायत देने के लिए कहा है। बहरहाल भारतीय रेलवे सीआईएल के इस अनुरोध को नकार सकता है। 
सीआईएल का यह अनुरोध कंपनी और केंद्र सरकार की ओर से देश में कोयले के आयात में कमी लाने के विभिन्न प्रयासों के अनुरूप है। कंपनी ने कहा कि रियायत के लिए अनुरोध इस आशय से किया गया है कि रेलवे ने 1,400 किलोमीटर से अधिक दूरी के लिए अन्य सामानों के साथ ही कोयला और कोक के परिवहन के लिए रेल भाड़े में दूरी आधारित 20 फीसदी की रियायत देने की पेशकश की है। 
कंपनी के एक वरिष्ठ कार्यकारी ने कहा, ‘701 किलोमीटर से 1400 किलोमीटर के बीच के स्थित उपभोक्ताओं को भी माल भाड़े में रियायत देने से उनके द्वारा भी अच्छी मात्रा में घरेलू कोयले की खरीद हो सकेगी, जो कोयला मंगाने में कम लागत के कारण विदेश से कोयला खरीदते हैं।’ कंपनी ने कहा कि ऐसी स्थिति में सीआईएल का कोयला, आयातित कोयला मंगाने की कीमत के मोर्चे पर प्रतिस्पर्धी हो जाएगा और उस स्थिति में ग्राहक घरेलू कोयला का चुनाव कर सकते हैं।  
हालांकि रेलवे ने संकेत किया है कि 701 किलोमीटर से 1400 किलोमीटर के बीच रियायत देने की उसकी कोई योजना नहीं है।
रियायत सामान्य शुल्क दर (एनटीआर) पर है। हालांकि रियायत देने के बाद 1,400 किलोमीटर तक के लिए माल भाड़े का भाव एनटीआर से कम नहीं होना चाहिए। चालू वर्ष में 1 जुलाई से प्रभावी होकर माल भाड़े में रियायत 30 जून, 2021 तक के लिए वैध रहेगा। 
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहचान नहीं बताने के अनुरोध के साथ कहा, ‘हमने देखा है कि भारतीय रेलवे के लिए 1400 किलोमीटर से आगे की दूरी के लिए ट्रैफिक बहुत कम होता है। हालांकि 701 किलोमीटर से 1400 किलोमीटर के लिए उसी तरह की रियायत योजना को लागू करना भारतीय रेलवे के लिए व्यावहारिक नहीं होगा, क्योंकि हमारे लिए अधिकांश ट्रैफिक इसी दूरी सीमा में होता है।’ 
इसके अलावा रेलवे इस विकल्प पर विचार कर रहा है कि यदि कोई ग्राहक 701 किलोमीटर से 1400 किलोमीटर के दायरे में एक निश्चित सीमा से अधिक माल ढोता है तो उसे रियायत दी जाए। 
सीआईएल से जुड़े 126 कोयला आधारित ताप संयंत्रों में से 1400 किलोमीटर से दूर स्थित 14 ताप बिजली संयंत्र मौजूदा माल भाड़ा रियायत के लिए उपयुक्त हैं। कार्यकारियों ने कहा कि यही कारण है कि सीआईएल ने 701 किलोमीटर से 1400 किलोमीटर के दायरे के लिए भी माल भाड़े में रियायत की योजना को लागू करने के लिए संपर्क किया, ताकि अधिक संख्या में ग्राहकों को इस योजना के दायरे में लाया जा सके।   कार्यकारी ने कहा, ‘यदि ऐसा होता है तो सीआईएल के लिए यह आयातित कोयले के स्थान पर अपने कोयले की आपूर्ति करने के उसके प्रयासों के लिए प्रोत्साहन जैसा साबित होगा।’ सीआईएल ने पहले ही कोयले के आयात में कमी लाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।

First Published - August 13, 2020 | 12:08 AM IST

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