ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए ने घरेलू परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी (एएमसी) एचडीएफसी ऐसेट मैनेजमेंट और निप्पॉन लाइफ इंडिया ऐसेट मैनेजमेंट की रेटिंग को ‘आउटपरफॉर्म’ से बढ़ाकर ‘बाय’ कर दिया है। पिछले तीन महीनों के दौरान इन दोनों शेयरों में भारी गिरावट के मद्देनजर ऐसा किया गया है। ब्रोकरेज का मानना है कि प्रवाह की मात्रा एवं गुणवत्ता में सुधार और बेहतर पहुंच जैसे अनुकूल परिदृश्य से इन परिसंपत्ति प्रबंधन फर्मों को फायदा हो रहा है।
ब्रोकरेज का कहना है कि वित्त वर्ष 2022 में परिसंपत्ति प्रबंधन उद्योग के लिए काफी अनुकूल परिदृश्य रहा है। इसलिए वृद्धि अनुमान से कहीं बेहतर रहने की संभावना है। इसे सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के प्रवाह और दमदार बाजार रिटर्न से बल मिलेगा। एक नोट में मोहित सुराणा के नेतृत्व में सीएलएसए के विश्लेषकों ने कहा है कि भारत में इस उद्योग की मौजूदगी अभी भी काफी सीमित रही है। इसलिए लंबी अवधि की वित्तीय बचत के लिहाज से यह काफी आकर्षक है। वित्त वर्ष 2022 के पहले नौ महीनों के दौरान म्युचुअल फंड योजनाओं में निवेश उम्मीद से कहीं बेहतर रहा। ब्रोकरेज का कहना है कि इसे मुख्य तौर पर एसआईपी के उत्साहजनक प्रवाह से रफ्तार मिली।
विश्लेषकों ने कहा है, ‘वित्त वर्ष 2022 के पहले नौ महीनों के दौरान इक्विटी योजनाओं में 1.6 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ जबकि वित्त वर्ष 2021 में 0.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की शुद्ध निकासी हुई थी। अप्रैल से दिसंबर 2021 के दौरान निवेश की मात्रा उम्मीद से कहीं बेहतर रही।’
सीएलएसए का मानना है कि घरेलू एएमसी में वृद्धि की अपार संभावनाएं मौजूद हैं क्योंकि देश में म्युचुअल फंड बाजार का दायरा अभी काफी सीमित है। प्रतिफल में संकुचन को देखते हुए सीएलएसए ने एचडीएफसी एएमसी के लक्षित मूल्य को 3,100 रुपये से घटाकर 3,000 रुपये और वित्त वर्ष 2023 के लिए आय वृद्धि अनुमान को करीब 3 फीसदी कम कर दिया है। इस बीच, उसने निप्पॉन एएमसी के लिए 475 रुपये प्रति शेयर के लक्षित मूल्य को बरकरार रखा है और वित्त वर्ष 2023 के लिए आय वृद्धि अनुमान में मामूली कटौती की है।