Cipla Q1 Results 2025: भारत में दवा बनाने वाली तीसरी सबसे बड़ी कंपनी सिप्ला के शेयरों में आज 6.7 फीसदी का शानदार उछाल देखने को मिला। Cipla की शेयर प्राइस ऑल टाइम हाई दर्ज करते हुए इंट्रा डे में 1,599 रुपये पर पहुंच गई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि कंपनी ने आज यानी 26 जुलाई को वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही (Cipla Q1FY25 Results) जारी किए हैं।
एक्सचेंजों को दी गई जानकारी में कंपनी ने बताया कि उसका कंसोलिडेटेड नेट मुनाफा (सभी सब्सिडियरी कंपनियों का कुल मिलाकर नेट मुनाफा) सालाना आधार पर (YoY) 17.6% बढ़कर 1,178 करोड़ रुपये हो गया। जबकि एक साल पहले की समान अवधि (Q1FY24) में कंपनी का नेट मुनाफा (Cipla net profit) 1,003 करोड़ रुपये रहा था।
भारत की प्रमुख जेनेरिक दवाएं बनाने वाली कंपनी सिप्ला का राजस्व (Cipla’s coonsolidated revenue Q1FY25) पिछले साल की इसी तिमाही के मुकाबले 7 फीसदी बढ़कर 6,694 करोड़ रुपये हो गया। जबकि Q1FY24 में कंपनी का कंसोलिडेटेड रेवेन्यू 6,258 करोड़ रुपये रहा था।
रॉयटर्स की रिपोर्ट ने बताया कि कंपनी का नेट मुनाफा एनालिस्ट्स के अनुमानों से कहीं ज्यादा निकला। हालांकि रेवेन्यू में 8 फीसदी ग्रोथ का अनुमान था, मगर यह 7 फीसदी ही रहा। Cipla के सिर्फ भारत से प्राप्त रेवेन्यू की बात करें तो यह 10 फीसदी बढ़कर 2,898 करोड़ रुपये हो गया है।
कंपनी ने कहा कि उसके फाइनेंशियल्स में शानदार ग्रोथ इसलिए देखने को मिली क्योंकि नॉर्थ अमेरिका में कंपनी की बिक्री में 13% का इजाफा देखने को मिला। कंपनी की जिस दवा की सबसे ज्यादा बिक्री हुई वह थी इसकी रेस्पिरेटरी (श्वसन) के लिए यूज होने वाली दवा- एल्ब्युटेरोल (Albuterol) और कैंसर के इलाज के लिए ब्रिस्टल-मायर्स स्क्विब (Bristol-Myers Squibb) की कैंसर ट्रीटमेंट ड्रग रेवलिमिड (Revlimid) के जेनेरिक वर्जन लैनरोटाइड (Lanreotide)।
रॉयटर्स की रिपोर्ट ने बताया कि सिप्ला 2022 में लॉन्च होने के बाद से रेवलिमिड के अपने कॉपीकैट वर्जन की मजबूत मांग से मुनाफा कमा रही है और इससे अमेरिका में बिक्री बढ़ रही है।
इस बीच, ब्रिस्टल मायर्स को रेवलिमिड के लिए जेनेरिक प्रतिस्पर्धा का दबाव झेलना पड़ रहा है, जो कभी इसकी सबसे अधिक बिकने वाली दवा थी। सिप्ला की दवाओं की बिक्री सालाना आधार पर 7 फीसदी बढ़कर 6,694 रुपये हो गई है। जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 6,258 करोड़ रुपये थी।
सिप्ला का जून तिमाही (Q1FY25) में कामकाजी मुनाफा यानी एबिटा (EBITDA) सालाना आधार पर 13.8% बढ़कर 1,716 करोड़ रुपये हो गया। जबकि Q1FY24 में यह 1,508 करोड़ रुपये रहा था।
कंपनी के MD और ग्लोबल CEO उमंग वोहरा ने सिप्ला के तिमाही परिणाम के बारे में बयान देते हुए कहा, ‘मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हम अपने केंद्रित बाजारों में उल्लेखनीय प्रगति कर रहे हैं। Q1 FY25 में, हमने पिछले वर्ष की तुलना में 7% की राजस्व वृद्धि दर्ज की, जिसमें मिक्स और अन्य ऑपरेशनल एफिसिएंसी द्वारा संचालित 25.6% का EBITDA मार्जिन था। हमारा वन-इंडिया बिजनेस तिमाही के दौरान अपने ग्रोथ ट्रैजेक्टरी पर जारी रहा, जिसका नेतृत्व ब्रांडेड प्रिस्क्रिप्शन ने किया, जो 10% की दर से बढ़ा।’
उन्होंने कहा, ‘डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो में हमारे केंद्रित फोकस और एग्जिक्यूशन ने अमेरिकी कारोबार को और मजबूत किया है, जिसने एक बार फिर 25 करोड़ डॉलर का ऑल टाइम हाई तिमाही राजस्व (all time high Q1 revenue) दर्ज किया है। दक्षिण अफ्रीका में, हमने निजी बाजार के नेतृत्व में, लोकल करेंसी के टर्म में सालाना 19% की वृद्धि दर्ज की। आगे बढ़ते हुए, हमारा ध्यान हमारे प्रमुख बाजारों को बढ़ाने, हमारे प्रमुख ब्रांडों को आगे बढ़ाने, भविष्य की पाइपलाइन में निवेश करने के साथ-साथ रेगुलेटरी मोर्चे पर समाधानों पर ध्यान केंद्रित करने पर होगा।’