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चीन, आसियान देशों से सस्ता आयात हमारी बड़ी चिंता, JSW Steel के CEO ने Interview में की Q1FY25 Results पर चर्चा

JSW Steel ने वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में संयुक्त शुद्ध लाभ में पिछले साल की तुलना में 63.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की और यह घटकर 845 करोड़ रुपये रह गया।

Last Updated- July 21, 2024 | 9:54 PM IST
Cheap imports from China, ASEAN countries are our big concern, JSW Steel CEO discusses Q1FY25 results in interview चीन, आसियान देशों से सस्ता आयात हमारी बड़ी चिंता, JSW Steel के CEO ने Interview में की Q1FY25 Results पर चर्चा
Jayant Acharya, JSW Steel Joint Managing Director And Chief Executive Officer

JSW Steel: घरेलू क्षमता के लिहाज से देश की सबसे बड़ी इस्पात विनिर्माता कंपनी जेएसडब्ल्यू स्टील ने वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में संयुक्त शुद्ध लाभ (consolidated net profit) में पिछले साल की तुलना में 63.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की और यह घटकर 845 करोड़ रुपये रह गया। जेएसडब्ल्यू स्टील के संयुक्त प्रबंध निदेशक (joint managing director) और मुख्य कार्य अधिकारी जयंत आचार्य ने ईशिता आयान दत्त के साथ बातचीत में परिचालन पक्ष के सकारात्मक पहलुओं पर चर्चा की, हालांकि कम लागत वाले आयात से इसमें खलल पड़ा। प्रमुख अंश …

कच्चे माल के दामों में नरमी आई थी, फिर भी जेएसडब्ल्यू ने शुद्ध लाभ में तीव्र गिरावट दर्ज की। कमजोर प्रदर्शन का क्या कारण रहा?

असल में परिचालन के नजरिये से प्रदर्शन कमजोर नहीं है। चुनावी गतिविधियों और तेज गर्मी के कारण कुछ रुकावटों के बावजूद देश में हमारी मांग काफी अच्छी थी। इसलिए हम अपने घरेलू बिक्री मिश्रण को पुनर्व्यवस्थित करने में सक्षम रहे और हमारे भारतीय परिचालन में पहली तिमाही की बिक्री सबसे अधिक रही।

कोकिंग कोल की वजह से कच्चे माल की लागत में गिरावट आई और हम इसका लाभ उठाने में सक्षम रहे। तिमाहियों के बीच लौह अयस्क की कीमतों में इजाफा हुआ, लेकिन कर्नाटक में अपनी खदानों से आपूर्ति की वजह से हमारे पास बेहतर क्षेत्रीय मिश्रण था। और हम मूल्य-संवर्धित हिस्से पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम रहे। हालांकि चीन का निर्यात बढ़ गया और यह विश्व बाजार में पहुंचने लगा। इसने मई के उत्तरार्ध और जून में इस्पात की कीमतों को प्रभावित किया। इससे भारत में भी धारणा नरम हुई। अब मॉनसून के कारण लंबे उत्पादों की कीमतों में भी कमी आई है।

क्या आप आयात को लेकर सरकार से बातचीत कर रहे हैं?

हमारी मुख्य चिंता चीन और आसियान देशों से काफी कम दामों पर हो रहा आयात है। हमने इस चिंता को सामने रखा है। इंडियन स्टील एसोसिएशन व्यापार के ऐसे उचित व्यापार उपायों के लिए समाधान खोजने के मामले में सरकार के साथ बातचीत कर रही है, जिन्हें जल्द ही लागू किया जा सके। हम सभी जानते हैं कि चीन के पास फालतू मात्रा में इस्पात है। वियतनाम उस समस्या को और बढ़ा रहा है। यहां तक कि जापान और कोरिया से भी आयात बढ़ गया है। भारतीय इस्पात उद्योग देश में आर्थिक विकास की उम्मीद में बहुत अधिक क्षमता जोड़ रहा है।

क्या आपको इस्पात की कीमतों में और सुधार की उम्मीद है?

मुझे लगता है कि इस्पात की चादरों के दाम सीमित दायरे में रहेंगे, क्योंकि चीन अब मार्जिनल लागत या वैरियेबल लागत से कम पर परिचालन कर रहा है। इसलिए कीमतों में गिरावट की उनकी क्षमता काफी सीमित है। लंबे उत्पादों की बात करें, तो इनका कारण मौसमी है। लेकिन दो क्षेत्रों से मदद मिलेगी। कोकिंग कोल की कीमतें और नीचे आ रही हैं। ओडिशा माइनिंग कॉरपोरेशन और एनएमडीसी द्वारा जून के उत्तरार्ध में लौह अयस्क की कीमतों में कमी का इस तिमाही में आंशिक असर दिखेगा। इससे हमारी लागत कम होगी और मुनाफे में मदद मिलेगी। मौजूदा परिचालन से बेहतर वॉल्यूम मिलेगा।

क्या आप स्लरी पाइपलाइन को अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी से जेएसडब्ल्यू इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थानांतरित करने की वजह बता सकते हैं?

यह पूंजी आवंटन रणनीति है। हम भारत में अपनी क्षमताओं को तेजी से बढ़ा रहे हैं और पहले से स्थापित हमारे संयंत्रों की निवेश लागत दर काफी कम है। हमें बुनियादी ढांचे की तुलना में अपनी परियोजनाओं में बेहतर आईआरआर (आंतरिक रिटर्न दर) मिल रहा है। इसके अलावा हम कच्चे माल की जिस सुरक्षा पर विचार कर रहे हैं, उससे हमें बेहतर रिटर्न मिलेगा।

वित्त वर्ष 25 में इस्पात की कितनी अतिरिक्त बिक्री की उम्मीद है?

हम 2.84 करोड़ टन उत्पादन और 2.7 करोड़ टन बिक्री के अपने अनुमान पर कायम हैं।

आम चुनाव खत्म हो चुके हैं। क्या आपको लगता है कि एनएमडीसी के विनिवेश की रफ्तार जोर पकड़ रही है?

हम पहले ही अपना ईओआई (रुचि की अभिव्यक्ति) जमा कर चुके हैं।

अगर आरआईएनएल का विनिवेश होता है, तो क्या आप उस पर विचार करेंगे?

अगर विनिवेश होता है तो हम इस पर विचार करेंगे, बशर्ते यह हमारी समूची वृद्धि में अनुकूल बैठती हो।

First Published - July 21, 2024 | 9:54 PM IST

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