facebookmetapixel
ड्यू डिलिजेंस के बाद LIC ने किया अदाणी ग्रुप में निवेश, मंत्रालय का कोई हस्तक्षेप नहींकनाडा पर ट्रंप का नया वार! एंटी-टैरिफ विज्ञापन की सजा में 10% अतिरिक्त शुल्कदेशभर में मतदाता सूची का व्यापक निरीक्षण, अवैध मतदाताओं पर नकेल; SIR जल्द शुरूभारत में AI क्रांति! Reliance-Meta ₹855 करोड़ के साथ बनाएंगे नई टेक कंपनीअमेरिका ने रोका Rosneft और Lukoil, लेकिन भारत को रूस का तेल मिलना जारी!IFSCA ने फंड प्रबंधकों को गिफ्ट सिटी से यूनिट जारी करने की अनुमति देने का रखा प्रस्तावUS टैरिफ के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत, IMF का पूर्वानुमान 6.6%बैंकिंग सिस्टम में नकदी की तंगी, आरबीआई ने भरी 30,750 करोड़ की कमी1 नवंबर से जीएसटी पंजीकरण होगा आसान, तीन दिन में मिलेगी मंजूरीICAI जल्द जारी करेगा नेटवर्किंग दिशानिर्देश, एमडीपी पहल में नेतृत्व का वादा

अदाणी और उनके सहयोगियों पर गंभीर कानूनी जांच के आसारः विशेषज्ञ

अमेरिकी निवेशकों और वित्तीय संस्थानों को भ्रामक बयान देकर सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने की साजिश का आरोप

Last Updated- November 21, 2024 | 11:01 PM IST
Gautam Adani

अमेरिकी न्याय विभाग (डीओजे) ने अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी और उनके कई कारोबारी सहयोगियों पर सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को 25 करोड़ डॉलर से अधिक रिश्वत देने, प्रतिभूति धोखाधड़ी आदि की साजिश रचने के साथ ही झूठे और भ्रामक बयान देकर अमेरिकी निवेशकों और वैश्विक वित्तीय संस्थानों को अरबों डॉलर योजना वाली धोखाधड़ी के पांच आरोपों में आपराधिक मुकदमा दर्ज किया है।

अमेरिका के सिक्योरिटीज ऐंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) ने भी गौतम अदाणी और सागर अदाणी (गौतम के भतीजे और अदाणी ग्रीन एनर्जी के प्रमुख), एज्यूर पावर ग्लोबल के शीर्ष अधिकारी सिरिल कैबनेस पर रिश्वतखोरी की साजिश के आरोप लगाए गए हैं जिसमें अदाणी ग्रीन और एज्यूर पावर भी शामिल है। एज्यूर पावर ग्लोबल नई दिल्ली मुख्यालय वाली अक्षय ऊर्जा कंपनी है जो न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध भी थी।

अमेरिकी न्याय विभाग के आरोप पर आपराधिक मामला दर्ज किया गया है जबकि एसईसी की तरफ से दायर मामला दीवानी है। गौतम अदाणी और अन्य के खिलाफ अमेरिका के सिक्योरिटीज ऐंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) के आरोप पत्र में प्रतिभूति धोखाधड़ी के साथ-साथ फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेज एक्ट (एफसीपीए) और फॉरेन एक्स्टॉर्शन प्रिवेंशन एक्ट (एफईपीए) के उल्लंघन के गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं।

अमेरिकी कानून के तहत विशेष रूप से साजिश, प्रतिभूति धोखाधड़ी, वायर फ्रॉड, न्याय में बाधा पहुंचाने जैसे कई मामले के साथ ही फॉलो-अप कार्रवाई बहुआयामी हो सकती है और कानूनी कार्रवाई आमतौर पर एक आरोपपत्र जारी होने के साथ ही शुरू होती है और औपचारिक रूप से आरोपियों पर कथित अपराध के लिए आरोप लगाए जाते हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी कानूनों के प्रावधान के तहत विशेषतौर पर फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेज एक्ट (एफसीपीए) इस तरह के अभियोग का अर्थ गंभीर अपराध है जिसके गंभीर परिणाम देखे जा सकते हैं और इसमें गिरफ्तारी से लेकर जुर्माना और कारावास की सजा भी शामिल है।

एफसीपीए में स्पष्ट रूप से कारोबारी लाभ हासिल करने या उसे बनाए रखने के लिए विदेशी अधिकारियों को रिश्वत देने की मनाही है और अपने क्षेत्राधिकार से इतर भी विदेशी नागरिक के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति है अगर यह पाया जाता है कि उनकी सांठ-गांठ अमेरिका के वाणिज्य या वित्तीय तंत्र से है।

First Published - November 21, 2024 | 11:01 PM IST

संबंधित पोस्ट