डेनमार्क की प्रमुख बियर कंपनी कार्ल्सबर्ग अपनी दो नई ब्रेवरीज से उत्पादन शुरू करने के लिए तैयार है।
ये दोनों ब्रेवरीज दूसरी तिमाही तक महाराष्ट्र के औरंगाबाद और पश्चिम बंगाल के कोलकाता में उत्पादन कार्य शुरू कर देंगी। राजस्थान के अलवर और हिमाचल में कंपनी की एक-एक ब्रेवरीज अपना संचालन शुरू कर चुकी हैं।
एशिया में कार्ल्सबर्ग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रमुख जेस्पर बी. मैडसेन ने कहा, ‘चार आधुनिक ब्रेवरीज के साथ कार्ल्सबर्ग और इसके संयुक्त उपक्रम भागीदारों ने एक साल से भी कम के समय में भारतीय बियर बाजार में महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किया है। भारतीय बियर बाजार तकरीबन एक लीटर के सालाना प्रति व्यक्ति उपभोग के साथ बेहद सीमित है, लेकिन इसे विश्व के सबसे तेजी से उभरते बाजारों में से एक माना जा रहा है।’
भारत में कुल बियर बाजार 80 लाख हेक्टोलीटर का आंका गया है और यह 30 प्रतिशत की सालाना दर से इजाफा कर रहा है। अलवर में इसकी नई ब्रेवरीज उत्पाद शुरू कर चुकी है और 2008 की पहली तिमाही में इसकी डिलीवरी होने की संभावना है। चार ब्रेवरीज के पोर्टफोलियो में द कार्ल्सबर्ग गु्रप के कई ब्रांड शामिल हैं। इनमें कार्ल्सबर्ग और ओकोकिम पैलोन शामिल हैं। कंपनी ने कहा है कि वह 2008 के दौरान कई और ब्रांड शुरू करने की योजना बना रही है।
कार्ल्सबर्ग के मुताबिक महाराष्ट्र के औरंगाबाद और अलवर में इसकी ब्रेवरीज की आरंभिक लाइसेंस्ड क्षमता 500,000 हेक्टो लीटर (एचएल) होगी। वैसे, कोलकाता में इसकी ब्रेवरीज की आरंभिक क्षमता 120,000 एलएच होगी। यह ब्रेवरीज साउथ एशिया ब्रेवरीज और पश्चिम बंगाल के व्यापारी पराग मित्रा और देबाशीष मुखर्जी के नेतृत्व में स्थानीय भागीदारों के बीच 60:40 हिस्सेदारी वाले संयुक्त उपक्रम का हिस्सा है।
चौथी ब्रेवरीज साउथ एशिया ब्रेवरीज के मालिकाना वाली ब्रेवरीज है जो हिमाचल प्रदेश में है। हिमाचल प्रदेश से ही पिछले वर्ष कार्ल्सबर्ग ने अपने ब्रांड लांच किए थे। हिमाचल प्रदेश की ब्रेवरीज की क्षमता 150,000 एलएल होगी।