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फिर मुश्किल में Byju’s! अब BCCI ने 160 करोड़ के बकाया मामले में NCLT में दायर की इन्सॉल्वेंसी याचिका

बायजू ने बोर्ड के साथ अपने जर्सी प्रायोजन समझौते को अनुमानित $35 मिलियन में नवंबर 2023 तक बढ़ा दिया था।

Last Updated- November 29, 2023 | 1:51 PM IST
Court rejects NCLAT order stopping bankruptcy proceedings against Byju's न्यायालय ने Byju's के खिलाफ दिवाला कार्यवाही रोकने वाले NCLAT के आदेश को किया खारिज

देश की दिग्गज एडटेक कंपनी बायजूज (Byju’s) एक बार फिर मुश्किलों में आ गई है। नया मामला भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) से जुड़ा है। बीसीसीआई ने बायजूज के खिलाफ NCLT में इन्सॉल्वेंसी याचिका दायर की है। बीसीसीआई ने ये मामला NCLT बेंगलुरु में 8 सितंबर को दायर किया है।

NCLT वेबसाइट के मुताबिक, 8 सितंबर को इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, 2016 के तहत BCCI ने याचिका दायर की थी। इस मामले में बायजूज के एक प्रवक्ता का कहना है कि वो इस मामले को सुलझाने के लिए BCCI के साथ चर्चा कर रहे हैं और कंपनी को उम्मीद है कि हम इसे जल्द ही सुलझा लेंगे।

बता दें, बायजूज 2019 से इस साल जनवरी तक सभी भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम की जर्सी का मेन स्पॉन्सर रहा है। इस साल बायजूज ने बीच में कॉन्ट्रैक्ट को खत्म करने का फैसला किया था। इस अवधि तक के सभी भुगतान बायजू द्वारा किए गए थे। इस समय, बीसीसीआई ने उस कंपनी को, जो कभी सबसे मूल्यवान स्टार्टअप थी, तब तक जारी रखने के लिए कहा था जब तक उसे नया प्रायोजक नहीं मिल जाता। फंडिंग सर्दी के बीच, बायजू बाहर निकलना चाहता था लेकिन बीसीसीआई ने उसे कुछ और समय के लिए रुकने के लिए मना लिया।

नवंबर 2023 तक बढ़ाई गई थी डील 

एक एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया था कि जून में, बायजू ने बोर्ड के साथ अपने जर्सी प्रायोजन समझौते को अनुमानित $35 मिलियन में नवंबर 2023 तक बढ़ा दिया था। जहां बायजू दिसंबर से बीसीसीआई के साथ अपना समझौता खत्म करना चाहता था, वहीं बोर्ड चाहता था कि इसे कम से कम मार्च 2023 तक जारी रखा जाए ताकि नए वित्तीय वर्ष से नया प्रायोजक आ सके।

सूत्रों ने बताया कि यह विवाद इस अवधि के लिए 160 करोड़ रुपये के भुगतान से जुड़ा है। दिवाला विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि कर्मचारियों के बकाया भुगतान के साथ, बीसीसीआई के बकाया को कम प्राथमिकता मिलेगी क्योंकि यह एक परिचालन ऋणदाता है। फिर भी, समझा जाता है कि बायजू ने बीसीसीआई को सूचित कर दिया है कि वह इस मामले को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाना चाहता है।

कंपनी पिछले कुछ महीनों से वित्तीय संकट में

कई हाई-प्रोफाइल अधिग्रहणों और नई फंडिंग की कमी के कारण कंपनी पिछले कुछ महीनों से वित्तीय संकट में है। वह उन कुछ कंपनियों से बाहर निकलना चाहती है जिनका उसने अधिग्रहण किया था। इसने लागत में कटौती के लिए अक्टूबर 2022 से 5,000 से अधिक कर्मचारियों को निकाल दिया है।

अब इस मामले में अगली सुनवाई 22 दिसंबर को होगी।

First Published - November 29, 2023 | 11:52 AM IST

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