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10 साल से इंतजार, Jaypee Infratech में फंसे खरीदार

सितंबर 2023 में यीडा ने जेपी इन्फ्राटेक की अटकी रियल्टी परियोजनाएं पूरी करने के लिए सुरक्षा ग्रुप की शुरुआती समाधान योजना को एक शर्त के साथ मंजूरी दी थी।

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संकेत कौल   
Last Updated- April 25, 2024 | 11:03 AM IST

दिवालिया जेपी इन्फ्राटेक की नोएडा में अटकी रियल्टी परियोजनाएं पूरी होने में और समय लग सकता है। कारण कि किसान मुआवजे से जुड़े मसले को सुलझाने के लिए यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) और मुंबई के सुरक्षा ग्रुप के बीच अभी तक समझौता नहीं हो पाया है और इसमें देरी के आसार हैं।

यह घटनाक्रम राष्ट्रीय कंपनी कानून अपील पंचाट (एनसीएलएटी) के उस बयान के बाद आया है जिसमें उसने कहा है कि मकान खरीदारों की याचिका पर गुण-दोष के आधार पर सुनवाई की जाएगी और अगर दोनों पक्ष 18 अप्रैल तक किसी सौहार्दपूर्ण समझौते पर नहीं पहुंचते हैं तो फैसला सुना दिया जाएगा। घटनाक्रम से जुड़े करीबी सूत्र ने कहा, ‘जहां तक समझौते का सवाल है तो दोनों पक्ष सही रास्ते पर हैं, लेकिन 18 अप्रैल की समयसीमा पूरा करना मंत्रिमंडल की मंजूरी पर निर्भर करेगी।’

सितंबर 2023 में यीडा ने जेपी इन्फ्राटेक की अटकी रियल्टी परियोजनाएं पूरी करने के लिए सुरक्षा ग्रुप की शुरुआती समाधान योजना को एक शर्त के साथ मंजूरी दी थी। शर्त यह थी कि सुरक्षा ग्रुप को भूमि मुआवजे के लिए किसानों को करीब 64.7 प्रतिशत का अतिरिक्त मुआवजा देना होगा।

फिलहाल योजना को मंत्रिमंडल की मंजूरी का इंतजार है। उत्तर प्रदेश सरकार को यह मंजूरी देनी है। सुरक्षा ग्रुप ने एक संशोधित समाधान योजना भी पेश की है, जो अब भी यीडा के पास विचाराधीन है। जेपी की कंपनी की नोएडा और ग्रेटर नोएडा में दिवालिया परियोजनाएं हैं। अपील निकाय में मकान खरीदारों ने अपने आवेदन में कहा है, ‘यीडा और सुरक्षा के बीच अदालत के बाहर समझौते का प्रस्ताव जुलाई 2023 से लंबित है। नौ महीने से अधिक का समय बीत चुका है लेकिन कोई समझौता नहीं हुआ है।’

सर्वोच्च न्यायालय से गुहार के आसार

इस मामले में एक याचिकाकर्ता संजीव साहनी ने निर्माण में देर का हवाला देते हुए कहा कि 20,000 से अधिक परिवार न्याय नहीं मिलने से पीड़ित हैं और एक दशक से अधिक समय से अपने सपनों के घर की चाबियों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

कुल मिलाकर नौ परियोजनाओं में ऐसे 97 टावर हैं, जहां निर्माण करीब एक दशक से बंद पड़ा है। इससे 20,000 मकान खरीदार प्रभावित हुए हैं। एनसीएलएटी ने अपनी पिछली सुनवाई में आदेश दिया था कि सुरक्षा ग्रुप इन नौ परियोजनाओं पर निर्माण शुरू कर सकता है। जेपी इन्फ्राटेक के लिए सुरक्षा ग्रुप की अधिग्रहण बोली को पिछले साल राष्ट्रीय कंपनी कानून पंचाट (एनसीएलटी) ने मंजूरी
दी थी।

साहनी ने कहा ‘एनसीएलएटी को अगली सुनवाई तक आदेश जारी कर देना चाहिए। इस पर फैसला करने के लिए अधिकारियों या सरकार को ज्यादा वक्त नहीं देना चाहिए। मकान खरीदने वालों ने बहुत इंतजार कर लिया है।’ चिंता की दूसरी बात यह है कि चुनाव आचार संहिता के कारण देरी होना है जिससे उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले में और देर हो सकती है।

साहनी ने कहा कि मकान खरीदने वालों के पास सर्वोच्च न्यायालय से गुहार लगाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, ताकि ठेकेदार जयप्रकाश एसोसिएट्स को कार्य स्थल, ड्राइंग वगैरह सौंपने और नए ठेकेदारों की नियुक्ति की अनुमति के लिए निर्देश दिया जा सके और 10 साल बाद निर्माण फिर से शुरू किया जा सके।

First Published : April 14, 2024 | 11:17 PM IST