खरीदारों से सीधे संपर्क कर रहे हैं ब्रांड

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 2:50 AM IST

कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन की वजह से वस्तुओं एवं सेवाओं के वितरण की श्रेणी में बड़ा बदलाव आया है। अब आलम यह है कि खुदरा से लेकर एफएमसीजी तक की कंपनियों को पिछले कुछ महीनों में अपनी रणनीतियों में फिर से बदलाव लाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। उन्हें अपने लक्ष्य तक सीधे पहुंचने की कोशिश करनी पड़ रही है जबकि पहले वे ग्राहकों के दुकानों, मॉल और डिपार्टमेंटल स्टोर में पहुंचने का इंतजार करते थे।
ज्यादातर कंपनियां खुद को नए माहौल में ढाल रही हैं और उद्योग के अधिकारियों और विशेषज्ञों का कहना है कि यह रुझान बना रहेगा। बाटा इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संदीप कटारिया कहते हैं, ‘शोध से यह अंदाजा मिलता है कि भारतीय उपभोक्ताओं के खरीदारी करने और बाहर खाने की अपनी पुरानी दिनचर्या में वापस आने में अभी काफी वक्त लगेगा।’
वह कहते हैं, ‘खुदरा और उपभोक्ता ब्रांडों को आखिरकार कारोबार करना ही है। ऐसे में कई तरह के प्रतिबंधों के बीच लोगों के एहतियात के लिए सीधे तौर पर उनसे संपर्क करना एक बेहतर तरीका है।’ मिसाल के तौर पर बाटा ने 40 शहरों में आवासीय सोसायटी और परिसरों में मोबाइल स्टोर लगाना शुरू कर दिया है। इसके लिए इन सोसायटी में मौजूद जगहों में स्टॉल या कियोस्क लगाए जा रहे हैं। चप्पल-जूतों की खुदरा विक्रेता कंपनी ने बाटा चैट शॉप नाम की एक व्हाट्सऐप सेवा भी शुरू की है जिसके तहत उपभोक्ताओं को एक कैटलॉग से अपने पंसद के जूते चुनने और उनका ऑर्डर देने का विकल्प मिलता है। इन सामानों को ग्राहकों के घर भेज दिया जाता है। कटारिया कहते हैं कि लॉकडाउन प्रतिबंधों और स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए लोगों को बाहर न निकलने की सलाह दी जा रही है ऐसे में कंपनियों की इस तरह की पहल वरिष्ठ नागरिक, बच्चे और घरेलू महिलाओं द्वारा पसंद की जा रही है। लाइफस्टाइल और रिलायंस ट्रेंड्स जैसे परिधान खुदरा विक्रेता भी सक्रियता दिखा रहे हैं और अपने उपभोक्ताओं के घर के आसपास ही मिनी स्टोर बना रहे हैं ताकि लोगों के लिए खरीदारी करना सुविधाजनक रहे।
मिसाल के तौर पर इनऑर्बिट जैसे मॉल ने मोबाइल स्टोर संचालन का प्रायोगिक परीक्षण करने के लिए पिछले हफ्ते बेंगलूरु में एक आवासीय परिसर में छह फैशन ब्रांडों के आउटलेट बनाए। इससे जुडऩे वाले ब्रांडों में यूएस पोलो, फ्लाइंग मशीन, मेट्रो, स्कीचर्स, सोच और सेलियो जैसे नाम शामिल थे। कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि आने वाले हफ्तों में मॉल अन्य शहरों में भी ऐसा ही प्रयोग शुरू कर सकता है जिसमें मुंबई और हैदराबाद जैसे महानगर भी शामिल होंगे क्योंकि उपभोक्ता अपने घर से बाहर निकलने में काफी सतर्कता बरत रहे हैं ताकि वे कोरोनावायरस से संक्रमित न हो जाएं।
कुछ विशेषज्ञों का तर्क है कि सीधे तौर पर उपभोक्ताओं के लिए पहल करने से ब्रांड की छवि जिम्मेदार और सजग ब्रांड के तौर पर भी होती है जिससे लोग खरीदारी के लिए प्रोत्साहित हो सकते हैं।
जून में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से ही परिधान, लाइफस्टाइल, फैशन, और फुटवियर खुदरा विक्रेताओं ने बिक्री के कमजोर रुझान को देखते हुए ग्राहकों तक सीधे पहुंचने का फैसला किया। संगठित खुदरा क्षेत्र की शीर्ष संस्था रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के एक अध्ययन के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक्स खुदरा विक्रेताओं की बिक्री में जुलाई के बाद से ही सुधार देखा जा रहा है क्योंकि बच्चों को ऑनलाइन क्लास करना पड़ रहा है और लोग दफ्तर का काम घर से कर रहे हालांकि फैशन, लाइफस्टाइल और स्पोट्र्सवियर श्रेणियों की बिक्री में सुधार नहीं दिखा है। इस शोध के मुताबिक इन श्रेणियों में साल भर पहले की अवधि के मुकाबले कारोबार में 69 फीसदी की कमी है। वहीं दूसरी ओर सौंदर्य और फिटनेस से जुड़े क्षेत्रों के कारोबार में एक साल पहले की तुलना में 65 फीसदी की गिरावट है।

First Published : August 30, 2020 | 11:02 PM IST