मोंडलीज के कैडबरी बॉर्नविटा (Bournvita) पर अप्रैल की शुरुआत में हुए विवाद के बाद अब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने इसके निर्माताओं से सभी भ्रामक विज्ञापनों, पैकेजिंग और लेबल की समीक्षा करने और फिर उन्हें हटाने के लिए कहा है। उसने कंपनी से सात दिनों के भीतर मामले पर विस्तृत स्पष्टीकरण भी मांगा है।
बाल अधिकारों के शीर्ष सांविधिक निकाय ने बॉर्नविटा में चीनी की अधिक मात्रा और अन्य सामग्री के बारे में कंपनी के खिलाफ शिकायत प्राप्त करने के बाद संज्ञान लिया है। कहा जा रहा है कि बॉर्नविटा एक ऐसा स्वास्थ्य पेय है जो बच्चों के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डाल सकता है।
आयोग ने अमेरिकी स्नैक्स कंपनी की भारतीय शाखा को भेजे नोटिस में कहा, ‘आयोग को पता चला है कि आपकी कंपनी द्वारा निर्मित उत्पाद अपनी पैकेजिंग और विज्ञापनों के द्वारा ग्राहकों को गुमराह कर रहा है। आयोग ने पाया है कि आपके उत्पाद की लेबलिंग, पैकेजिंग, प्रदर्शन और विज्ञापन के दावे आम जनता को गुमराह कर रहे हैं।’
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नोटिस में कहा गया कि उत्पाद की लेबलिंग और पैकेजिंग में भी बॉर्नविटा हेल्थ ड्रिंक में इस्तेमाल की गई सामग्री के बारे में सही जानकारी नहीं मिल रही है। कंपनी को यह नोटिस सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर रेवंत हिमतसिंगका ने एक वायरल वीडियो में बॉर्नविटा पर हमला करने के बाद मिला है। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि इसमें शामिल तत्त्व उतने स्वास्थ्यवर्धक नहीं हैं जितना कंपनी के विज्ञापन में दावा किया गया है।
हालांकि, बॉर्नविटा ने तुरंत उन्हें कानूनी नोटिस भेजा और इसके बाद उन्हें वीडियो हटाना पड़ा। इसके जवाब में कंपनी ने कहा कि फिलहाल इस मुद्दे पर टिप्पणी करने के लिए उसके पास कुछ भी नहीं है।