चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में चक्रीय क्षेत्र की कंपनियों से एक बार फिर कंपनियों की कमाई को दम मिला है। वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही के नतीजे जारी करने वाली शुरुआती 230 कंपनियों का एकीकृत शुद्घ मुनाफा पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के मुकाबले 70.6 फीसदी बढ़ा है। समेकित मुनाफे में वृद्घि मुख्य रूप से बैंक और एनबीएफसी, धातु एवं खनन, सीमेंट तथा तेल एवं गैस क्षेत्र की कंपनियों का योगदान रहा है।
आय की बात करें तो आईटी को छोड़कर सभी क्षेत्रों की शुद्घ बिक्री तिमाही आधार पर घटी है। अब तक जिन कंपनियों ने अपने तिमाही नतीजे जारी किए हैं, उनमें परिचालन मार्जिन में कमी आम देखी गई। हालांकि बैंक, धातु और सीमेंट कंपनियों के मामले में ऐसा नहीं है।
अब तक जिन कंपनियों ने नतीजे जारी किए हैं, उनका एकीकृत शुद्घ मुनाफा 73,000 करोड़ रुपये रहा, जो इससे पिछली तिमाही की तुलना में 2.2 फीसदी अधिक है लेकिन आय 3.3 फीसदी कम रही है। वित्त वर्ष 2021 की तीसरी तिमाही में कंपनियों ने रिकॉर्ड आय दर्ज की थी।
उदाहरण के लिए चक्रीय क्षेत्र की कंपनियों ने वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में सबसे ज्यादा 40,681 करोड़ रुपये का एकीकृत मुनाफा कमाया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही के 29,108 करोड़ रुपये से करीब 40 फीसदी अधिक है। इसी तरह इन कंपनियों की आय पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही की तुलना में 6.6 फीसदी अधिक रही।
गैर-चक्रीय क्षेत्र की कंपनियों की आय में वृद्घि मुख्य रूप से इन्फोसिस और विप्रो जैसी आईटी कंपनियों की वजह से हुई जबकि उपभोक्ता वस्तुओं की कंपनियों जैसे हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी, बजाज ऑटो, एशियन पेंट्स और हैवल्स इंडिया की आय तथा मुनाफा तिमाही आधार पर घटा है।
विनिर्माताओं और उपभोक्ता वस्तुओं की कंपनियों पर बढ़ती महंगाई और जिंसों एवं ईंधन की कीमतों में वृद्घि का साफ असर देखा गया। उदाहरण के लिए हिंदुस्तान यूनिलीवर का परिचालन मार्जिन वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में नौ तिमाही में सबसे कम रहा, वहीं बजाज ऑटो का परिचालन मार्जिन करीब पांच साल में सबसे कम (जनू 2021 तिमाही को छोड़कर) रहा। कोविड लॉकडाउन के दौरान वाहनों की बिक्री प्रभावित होने से परिचालन मार्जिन घटा है।
दूसरी ओर धातु कंपनियों जैसे जेएसडब्ल्यू स्टील ने पहली तिमाही में अब तक का सबसे अच्छा मार्जिन हासिल किया। सीमेंट कंपनियों अल्ट्राटेक, एसीसी और अंबुजा सीमेंट का भी परिचालन मार्जिन बढ़ा है। चक्रीय क्षेत्र की इन कंपनियों को अपने उत्पादों की ऊंची कीमत और ब्याज लागत में कमी, दोनों का फायदा मिला है। धातु और सीमेंट कंपनियों को उत्पादों की कमाई बढऩे से फायदा हुआ, वहीं बैंकों को ब्याज लागत कम होने का लाभ मिला। रिलायंस इंडस्ट्रीज को ईंधन तथा पेट्रोरसायन के दामें वृद्घि का लाभ मिला लेकिन रिटेल कारोबार प्रभावित होने से जनवरी-मार्च के मुकाबले आय में कमी आई है।
