ऐक्सिस बैंक ने अपना पूंजी आधार बढ़ाने के लिए कई प्रतिभूतियों के जरिए 15,000 करोड़ रुपये तक जुटाने की योजना बनाई है। गुरुवार को हुुई बैठक में निजी बैंक के निदेशक मंडल ने इक्विटी शेयर/डिपॉजिटरी रिसीट्स या अन्य प्रतिभूतियों के जरिए पूंजी जुटाने की इस योजना को मंजूरी दे दी।
ये प्रतिभूतियां या तो इक्विटी शेयर या इक्विटी शेयर से जुड़ी हुई परिवर्तनीय प्रतिभूतियां हो सकती हैं। यह काम पात्र संस्थागत नियोजन, अमेरिकी डिपॉजिटरी रिसीट्स, ग्लोबल डिपॉजिटरी रिसीट्स कार्यक्रम, तरजीही आवंटन या अन्य जरिये या इनमें से किसी दो तरीके से हो सकता है, जिसे बोर्ड उपयुक्त बताए। बैंक ने एक्सचेंज को भेजी सूचना में ये बातें कही।
विश्लेषकों और रेटिंग एजेंसियों ने संकेत दिया है कि ऐसे अनिश्चित माहौल में भारतीय बैंकों को और पूंजी की दरकार होगी और निकट भविष्य में उनकी गैर-निष्पादित आस्तियां बढ़ सकती हैं क्योंंकि कोरोनावायरस महामारी और उसके बाद हुए लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियोंं पर काफी अवरोध खड़ा हुआ। रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा है कि भारतीय बैंकों को दबाव वाले परिदृश्य में कम से कम 15 अरब डॉलर की पूंजी की दरकार होगी ताकि वह 10 फीसदी भारांकित औसत कॉमन इक्विटी टियर-1 अनुपात पूरा कर सके। उच्च दबाव वाले हालात में यह रकम बढ़कर 58 अरब डॉलर तक पहुंच सकती है। एचडीएफसी बैंक ने हाल में कहा है कि उसे अतिरिक्त टियर-1 व टियर-2 बॉन्ड के जरिये 50,000 करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी निदेशक मंडल से मिल गई है। पिछले महीने आईसीआईसीआई बैंक ने जीवन बीमा इकाई आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल और गैर-जीवन बीमा इकाई आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस की हिस्सेदारी बेची और उसके जरिए 3,000 करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाए ताकि पूंजी के मोर्चे पर और सहजता हो।
एक अन्य निजी बैंक कोटक महिंद्रा बैंक ने इस साल मई में क्यूआईपी के जरिये 7,000 करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाए। इसी तरह आईडीएफसी फस्र्ट बैंक ने मई में कहा था कि उशकी योजना प्रवर्तक समेत निवेशकों से 2,000 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी जुटाने की है। देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने भी बॉन्डों के जरिये 1.5 अरब डॉलर तक जुटाने के लिए बोर्ड की मंजूरी हासिल की है।
