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Zee बोर्ड की राय लेंगे बड़े शेयर­धारक, फ्यूचर एक्शन प्लान पर होगा मंथन

Sony पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया के साथ विलय सौदा 22 जनवरी को टूट जाने के बाद Zee के शेयर में भारी गिरावट आई है।

Last Updated- January 28, 2024 | 9:27 PM IST
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Zee Entertainment Enterprises के शेयर में गिरावट के बीच उसके बड़े शेयरधारक भविष्य की कार्ययोजना के बारे में कंपनी के बोर्ड की राय लेने की योजना बना रहे हैं। अगर शेयरधारक कंपनी की भविष्य की योजनाओं से संतुष्ट होंगे तो वे नए निदेशकों के चुनाव के लिए शेयरधारकों की असाधारण आम बैठक बुलाने को भी कह सकते हैं।

एक संस्थागत सूत्र ने कहा कि यह कार्रवाई अगले सप्ताह की शुरुआत में की जाएगी और कंपनी के शेयर मूल्य में गिरावट के मद्देनजर ऐसा किया जा रहा है। सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया के साथ विलय सौदा 22 जनवरी को टूट जाने के बाद ज़ी के शेयर में भारी गिरावट आई है।

इस बाबत जानकारी के लिए ज़ी के बड़े शेयरधारकों- एलआईसी, एचडीएफसी म्युचुअल फंड और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्युचुअल फंड- को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं आया। ज़ी एंटरटेनमेंट ने भी भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं दिया। ज़ी के संस्थागत प्रवर्तकों की कंपनी में फिलहाल 4 फीसदी हिस्सेदारी है।

शेष हिस्सेदारी संस्थागत शेयरधारकों और खुदरा निवेशकों की है। ज़ी बोर्ड में संस्थापक सुभाष चंद्रा मानद चेयरमैन और उनके बेटे पुनीत गोयनका एमडी एवं सीईओ हैं। एक सूत्र ने बताया कि बड़े शेयरधारक कंपनी के भविष्य की कार्ययोजना को समझना चाहते हैं।

आईआईएफएल सिक्योरिटीज के निदेशक संजीव भसीन ने कहा कि गोयनका और प्रबंधन को बाहर करने के लिए म्युचुअल फंडों एवं अन्य बड़े संस्थानों को एक साथ आना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘यह अचंभित करने वाली बात है कि 4 फीसदी से भी कम हिस्सेदारी के साथ प्रवर्तक कैसे कंपनी को बंधक बनाए हुए है और सभी बड़े शेयरधारक उसके लिए कुछ नहीं कर रहे हैं। शेयरधारकों के हित की सुरक्षा के लिए बाजार नियामक सेबी को भी इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए। प्रवर्तकों के कारण ज़ी को काफी नुकसान हुआ है।’

First Published - January 28, 2024 | 9:27 PM IST

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