facebookmetapixel
जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने सरकार से पूरे 6G स्पेक्ट्रम की नीलामी की मांग कीतेजी से बढ़ रहा दुर्लभ खनिज का उत्पादन, भारत ने पिछले साल करीब 40 टन नियोडिमियम का उत्पादन कियाअमेरिकी बाजार के मुकाबले भारतीय शेयर बाजार का प्रीमियम लगभग खत्म, FPI बिकवाली और AI बूम बने कारणशीतकालीन सत्र छोटा होने पर विपक्ष हमलावर, कांग्रेस ने कहा: सरकार के पास कोई ठोस एजेंडा नहीं बचाBihar Assembly Elections 2025: आपराधिक मामलों में चुनावी तस्वीर पिछली बार जैसीरीडेवलपमेंट से मुंबई की भीड़ समेटने की कोशिश, अगले 5 साल में बनेंगे 44,000 नए मकान, ₹1.3 लाख करोड़ का होगा बाजारRSS को व्यक्तियों के निकाय के रूप में मिली मान्यता, पंजीकरण पर कांग्रेस के सवाल बेबुनियाद: भागवतधर्मांतरण और यूसीसी पर उत्तराखंड ने दिखाई राह, अन्य राज्यों को भी अपनाना चाहिए यह मॉडल: PM मोदीधार्मिक नगरी में ‘डेस्टिनेशन वेडिंग’, सहालग बुकिंग जोरों पर; इवेंट मैनेजमेंट और कैटरर्स की चांदीउत्तराखंड आर्थिक मोर्चे पर तो अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन पारिस्थितिक चिंताएं अभी भी मौजूद

BharatPe का यूनिटी स्मॉल फाइनैंस बैंक में हिस्सेदारी घटाने से इनकार

आरबीआई (RBI) के नियमों के तहत किसी बैंक में 10 फीसदी से ज्यादा हिस्सा खरीदने की इच्छा रखने वाली कंपनियों को नियामक से पहले मंजूरी लेनी होती है।

Last Updated- May 20, 2024 | 10:20 PM IST
BharatPe intends to launch IPO in one and a half to two years, confident of profit in FY25 BharatPe का डेढ़-दो साल में IPO लाने का इरादा, FY25 में मुनाफे का भरोसा

फिनटेक दिग्गज भारतपे (BharatPe) यूनिटी स्मॉल फाइनैंस बैंक में अपने निवेश को बेचना चाहती है। इसके लिए वह अपनी हिस्सेदारी 49 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी करने की योजना बना रही है। सूत्रों ने बताया कि कंपनी मुख्य रूप से अपने कर्ज देने के कारोबार ट्रिलियन लोन्स के लिए पूंजी जुटाने के वास्ते कदम उठाने की सोच रही है।

सेंट्रम फाइनैंशियल सर्विसेज के पास यूनिटी एसएफबी की बाकी 51 फीसदी हिस्सेदारी है। हालांकि दिल्ली की कंपनी ने हिस्सेदारी बेचने की खबर से इनकार किया है।

हिस्सेदारी बेचने की खबर पूरी तरह गलत: भारतपे 

कंपनी ने एक बयान में कहा कि भारतपे (BharatPe) की तरफ से यूनिटी बैंक की हिस्सेदारी बेचने की खबर पूरी तरह गलत है। हम इसका जोरदार खंडन करते हैं और मीडिया से अनुरोध करते हैं कि वह अफवाह पर ध्यान न दे।

एक सूत्र ने कहा कि भारतपे अपने निवेश से कमाई करना चाहती है। इससे मिलने वाली रकम बैंक को नहीं मिलेगी। इसमें कहा गया है कि भारतपे को अपनी हिस्सेदारी नए निवेशक को बेचने के लिए यूनिटी की मंजूरी की जरूरत होगी। यूनिटी एसएफवी ने इस पर टिप्पणी से मना कर दिया। हिस्सेदारी बिक्री भारतीय रिजर्व बैंक की मंजूरी पर निर्भर करेगी।

आरबीआई (RBI) के नियमों के तहत किसी बैंक में 10 फीसदी से ज्यादा हिस्सा खरीदने की इच्छा रखने वाली कंपनियों को नियामक से पहले मंजूरी लेनी होती है। पिछले साल अप्रैल में भारतपे ने मुंबई की एनबीएफसी ट्रिलियन लोन्स की बहुलांश हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया था।

यूनिटी एसएफबी ने नवंबर 2021 में अपना परिचालन पंजाब ऐंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक की परिसंपत्तियों के अधिग्रहण के बाद शुरू किया था। जनवरी में आ्रबीआई ने स्मॉल फाइनैंस बैंकों के लिए न्यूनतम पूंजी की जरूरत 100 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 200 करोड़ रुपये कर दी थी। एसएफबी को न्यूनतम पूंजी व जोखिम भारांकित परिसंपत्ति अनुपात (सीआरएआर) 15 फीसदी रखना होता है।

First Published - May 20, 2024 | 9:59 PM IST

संबंधित पोस्ट