स्टील पाइप विनिर्माण क्षेत्र में सक्रिय बीसी जिंदल समूह ने नवीकरणीय क्षेत्र में 2.5 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की है। समूह की ओडिशा के अंगुल में 1.2 गीगावॉट ताप विद्युत संयंत्र के जरिये बिजली उत्पादन क्षेत्र में भी उपस्थिति है। इस हालिया निवेश के जरिये समूह 5 गीगावॉट हरित ऊर्जा का पोर्टफोलियो बनाने की योजना बना रहा है। निवेश योजना में सौर उपकरण विनिर्माण की स्थापना भी शामिल है।
इसके लिए समूह ने एक नई कंपनी जिंदल इंडिया रिन्यूएबल एनर्जी (जेआईआरई) बनाई है। कंपनी ने बयान जारी कर कहा, ‘जेआईआरई का उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन कम करने के साथ पर्यावरण की सुरक्षा बरकरार रखने के लिए सौर, पवन, हाइब्रिड और फर्म एवं डिस्पैचेबल नवीकरणीय ऊर्जा (एफडीआरई) के जरिये 5 गीगावॉट बिजली का उत्पादन करना है। इसके साथ ही जेआईआरई सौर मांग को पूरा करने के लिए पीवी सेल और मॉड्यूल भी बनाएगी। नवीकरणीय क्षेत्र में अत्याधुनिक पोर्टफोलियो तैयार करने के साथ यह बीसी जिंदल समूह के लिए बड़ा परिवर्तन है।’
साल 1952 में शुरू हुआ बीसी जिंदल समूह स्टील पाइप और पाइप फिटिंग्स का विनिर्माण करता है। पॉलिएस्टर फिल्म, बीओपीपी फिल्म, फोटोग्राफिक सामान, कोल्ड रोल्ड स्टील स्ट्रिप्स, गैल्वनाइज्ड शीट, मेटलाइज्ड फिल्म आदि के निर्माण में भी इसकी उपस्थिति है। बीसी जिंदल समूह के श्याम जिंदल ने कहा, ‘जैसा कि भारत का लक्ष्य साल 2030 तक 500 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने का है, इसलिए इस खंड में जेआईआरई के प्रवेश से इस मिशन को बढ़ावा मिलेगा।’