नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के कोलकाता पीठ ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा श्रेय इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनैंस (एसआईएफएल) और श्रेय इक्विपमेंट फाइनैंस (एसईएफएल) के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही शुरू करने के लिए दायर आवेदन स्वीकार कर लिया है।
रजनीश शर्मा को प्रशासक नियुक्त किया गया है, लेकिन खबर लिखे जाने तक यह आदेश अपलोड नहीं किया गया था। बंबई उच्च न्यायालय द्वारा गुरुवार को दिवालिया कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग वाली श्रेय की प्रवर्तक इकाई आदिश्री कमर्शियल की रिट याचिका खारिज किए जाने के बाद केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को पंचाट का रुख किया था।
भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा है कि उसने एनसीएलटी के कोलकाता पीठ में श्रेय इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनैंस और श्रेय इक्विपमेंट फाइनैंस के खिलाफ कॉरपोरेट दिवालिया समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) शुरू करने के लिए आवेदन-पत्र दायर किया था।
आरबीआई द्वारा एनसीएलटी का रुख किए जाने के इस कदम के संबंध में श्रेय समूह के संस्थापक हेमंत कनोडिय़ा ने एक बयान में कहा कि यह वास्तव में ही हमारे लिए दुर्भाग्यपूर्ण बात है। शुरुआत से ही हमारा उद्देश्य समाधान रहा है, यही कारण है कि हम पिछले साल धारा 230 के तहत सभी लेनदारों के भुगतान के लिए एनसीएलटी गए थे, जिस पर विचार नहीं किया गया था।
उन्होंने कहा कि बाद में जब इस सोमवार को प्रशासक की नियुक्ति की गई, तो हम शुरुआत में बंबई उच्च न्यायालय चले गए ताकि निवेशक प्रक्रिया पूरी की जा सके और तेजी से किसी समाधान तक पहुंचा जा सके और उस समय तक आईबीसी की कार्यवाही पर रोक लगाई जा सके। हालांकि कनोडिय़ा ने कहा है कि वह किसी समाधान तक पहुंचने के लिए नियामक के साथ पूरा सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा ‘हमें अपने देश के नियामक, सरकार और न्यायपालिका पर इस बात का पूरा भरोसा है कि निष्पक्ष न्याय किया जाएगा।’
आरबीआई ने 4 अक्टूबर को विभिन्न भुगतान दायित्वों को पूरा करने में कंपनियों द्वारा चूक और प्रशासनिक चिंताओं की वजह से श्रेय की दो कंपनियों के निदेशक मंडल को हटा दिया था।