वोडा आइडिया पर बैंकर सख्त

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 3:06 AM IST

भारी कर्ज बोझ से जूझ रही वोडाफोन आइडिया ने अपने ऋणदाताओं के ऋण अनुबंध में उल्लंघन किया है। सूत्रों ने कहा कि कंपनी ने ऋणदाताओं से अनुबंध उल्लंघन के मामले में राहत की मांग की है। अगर बैंक ऐसी राहत देते हैं तो वे कंपनी के खिलाफ इसे लेकर कोई कार्रवाई नहीं कर सकेंगे।
वोडाफोन आइडिया के गड़बड़ाते वित्तीय गणित को देखते हुए ऋणदाताओं ने कंपनी को मौजूदा कर्ज के एवज में अतिरिक्त मार्जिन राशि या जमानत देने के लिए कहा है। कंपनी की क्रेडिट रेटिंग घटने और प्रवर्तकों से पर्याप्त सहायता नहीं मिलने के कारण ऋणदाता कंपनी के कर्ज पर ब्याज दर बढ़ाने की भी योजना बना रहे हैं।
नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर एक ऋणदाता ने कहा, ‘कंपनी जब तक और इक्विटी नहीं लगाती है तब तक उसे नया कर्ज नहीं दिया जाएगा।’
मार्च, 2021 को समाप्त वित्त वर्ष के लिए कंपनी ने 38,224 करोड़ रुपये की ऋणात्मक नेटवर्थ घोषित की है और कंपनी पर 1.8 लाख करोड़ रुपये का शुद्घ कर्ज बताया है। कंपनी की वित्तीय लागत बढ़कर 18,000 करोड़ रुपये पहुंच गई है। कंपनी को वित्त वर्ष 2021 में 41,672 करोड़ रुपये की आय हुई और उसका शुद्घ घाटा 46,293 करोड़ रुपये रहा।
एक अन्य सूत्र ने कहा, ‘सभी आंकड़े बताते हैं कि कंपनी वित्तीय संकट से जूझ रही है और इसके प्रवर्तकों ने और पैसा निवेश करने से इनकार कर दिया है।’ दो अग्रणी ऋणदाताओं के अधिकारियों ने कहा कि वोडाफोन आइडिया के लिए मुश्किल भरा समय है और ऋणदाता कोई ऐसा सख्त कदम उठाने की जल्दी नहीं करेंगे, जिससे कंपनी पर प्रतिकूल असर पड़े और सभी हितधारकों को नुकसान हो। सूत्र ने कहा, ‘कंपनी ने सरकार को बकाया चुकाने के लिए सरकार से अतिरिक्त मोहलत भी मांगी थी। ऋणदाता अगला कदम उठाने से पहले देखेंगे कि इस पर सरकार की प्रतिक्रिया क्या रहती है।’
वोडाफोन आइडिया आदित्य बिड़ला समूह और वोडाफोन पीएलसी का संयुक्त उपक्रम है। अंतरराष्ट्रीय निवेशकों से कर्ज और इक्विटी के जरिये 25,000 करोड़ रुपये जुटाने में विफल रहने के बाद कंपनी ने बैंकों से अतिरिक्त इक्विटी निवेश के लिए समयसीमा बढ़ाने के लिए कहा है। कंपनी को विदेशी निवेशकों से पूंजी जुटाने की योजना पर ठंडी प्रतिक्रिया मिली है।
इस बारे में जानकारी के लिए वोडाफोन आइडिया को ईमेल भेजा गया मगर कोई जवाब नहीं आया।
अगर किसी कंपनी की रेटिंग घट जाती है तो बैंक उस कंपनी को दिए गए कर्ज पर ब्याज दरें बढ़ा देते हैं। इस साल जनवरी में केयर रेटिंग्स ने वोडाफोन आइडिया की रेटिंग घटाकर दीर्घावधि रेटिंग को नकारात्मक प्रभाव के साथ वॉच रेटिंग में डाल दिया था। रेटिंग में यह कमी समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बकाये के भुगतान और नेटवर्क विस्तार के लिए पूंजी जुटाने के विकल्प को देखते हुए ऐसा किया था।

First Published : July 2, 2021 | 11:26 PM IST