भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने डिजिटल सहमति प्राप्ति (डीसीए) प्रक्रिया के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) सहित अन्य क्षेत्रवार नियामकों से मदद मांगी है। ट्राई डीसीए की प्रक्रिया शुरू होने के 17 महीने गुजरने के बाद भी कुछ ही कारोबारियों के पंजीकरण से परेशान है।
डीसीए को देश में स्पैम के मामले तेजी से बढ़ने और अत्यधिक टेली कॉलिंग पर लगाम कसने के लिए पहली बार नियामक द्वारा जून 2023 में लाया गया था। इसके तहत कारोबार से वाणिज्यिक संदेश प्राप्त करने के लिए एकीकृत मंच, उपभोक्ताओं से सहमति प्राप्त करने की जरूरत पर बल दिया गया।
इसके तहत बैंकों, बीमा कंपनियों और अन्य इकाइयों को ‘प्रमुख इकाइयां’ या पीई कहा गया और इन्हें अपने ग्राहकों को परेशान मत करो (डीएनडी) स्थिति की परवाह किए बिना एसएमएस और आवाज के जरिये संदेश भेजने के सक्षम बनाया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि प्लान पर अंकुश लगाने के लिए हाल में विनियामकों से हालिया बैठक की गई हैं और विनियामकों के समक्ष मामला उठाया गया है। ट्राई के शीर्ष अधिकारी ने बताया ‘जो पीई बोर्ड पर नहीं हैं, उनका मामला संबंधित नियामकों और उपभोक्ता मामलों मंत्रालय के समक्ष उठाया गया है।’ अन्य अधिकारी ने बताया, ‘एसएमएस के लिए डीसीए जारी है लेकिन कोई भी इकाई आगे नहीं आई है। हम पीई से बोर्ड पर आने के लिए बैठक कर रहे हैं।’
ट्राई ने मैसेज का उद्गम जानने के लिए सभी प्रेक्षकों और प्राप्तकर्ताओं के उद्गम को 1 नवंबर, 2024 से अनिवार्य कर दिया था। इस क्रम में किसी बेमेल या अस्पष्ट टेलीमार्केटर का संदेश आने पर निरस्त कर दिया जाएगा।