भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने बजाज फाइनैंस को अपने 2 ऋण उत्पादों ‘ईकॉम’ और ‘इंस्टा ईएमआई कार्ड’ के तहत कर्ज की मंजूरी तथा वितरण को तत्काल प्रभाव से रोकने के निर्देश दिए हैं।
कंपनी के इन 2 उत्पादों द्वारा डिजिटल उधारी संबंधी दिशानिर्देशों का पालन न करने के कारण यह रोक लगाई गई है। यह दोनों उत्पाद उधार लेने वालों को मुख्य तथ्यों का विवरण (केएफएस) जारी नहीं कर रहे थे और कंपनी द्वारा जारी किए गए अन्य डिजिटल ऋण के मुख्य तथ्यों के विवरण में खामियां थीं।
नियामक ने कहा है, ‘उक्त खामियों में सुधार के बात रिजर्व बैंक के संतुष्ट होने के बाद पर्यवेक्षी प्रतिबंधों की समीक्षा की जाएगी।’ इंस्टा ईएमआई कार्ड एक वर्चुअल कार्ड है। इसमें ग्राहकों को 10 लाख उत्पाद खरीदने की अनुमति मिलती है।
इसके बारे में कंपनी का कहना है कि इसमें ईएमआई की कोई लागत नहीं आती है। इस कार्ड में पहले से मंजूर 2 लाख रुपये ऋण भी उपलब्ध होता है, जिसका भुगतान 60 माह के भीतर करना होता है।
बजाज फाइनैंस की प्रबंधन के तहत संपत्ति (एयूएम) 2.90 लाख करोड़ रुपये है। इसमें बजाज हाउसिंग फाइनैंस लिमिटेड के 81,215 करोड़ रुपये शामिल हैं। विश्लेषकों के मुताबिक बजाज फाइनैंस के कुल बही खाते में इन दो उत्पादों की हिस्सेदारी 2 से 3 प्रतिशत है।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में डिजिटल ईएमआई कार्ड की संख्या 6,78,000 बढ़ी है। वहीं 30 सितंबर को डिजिटल कार्ड की कुल संख्या 42 लाख थी, जिसमें एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 62 प्रतिशत वृद्धि हुई है।
रिजर्व बैंक के डिजिटल उधारी दिशानिर्देशों में नियमन के दायरे में आने वाली सभी इकाइयों के लिए की फैक्ट स्टेटमेंट (केएफएस) जारी करना अनिवार्य किया गया है, जो उधारी लेने वालों के लिए होता है। यह सभी डिजिटल उधारी उत्पादों के लिए मानक प्रारूप में तैयार करना होता है, जो कॉन्ट्रैक्ट लागू करने के पहले करना होता है।
रिजर्व बैंक ने कहा था कि केएफएस में अन्य जरूरी सूचनाओं के अलावा सालाना प्रतिशत दर (एपीआर), रिकवरी की व्यवस्था, डिडिटल उधारी या फिनटेक से संबंधी मामलों के लिए नियुक्त शिकायत निपटान अधिकारी का ब्योरा और कूलिंग-ऑफ/लुक-अप अवधि की जानकारी देनी होती है। एपीआर प्रभावी सालाना दर है, जो डिजिटल ऋण लेने वाले से लिया जाता है। रिजर्व बैंक के डिजिटल उधारी मानक सितंबर 2022 से लागू हैं।
बजाज फाइनैंस का जुलाई सितंबर तिमाही में शुद्ध मुनाफा 3,551 करोड़ रुपये था, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 28 प्रतिशत ज्यादा है। मुनाफे की वजह प्रबंधन के तहत संपत्ति में तेज वृद्धि, शुद्ध ब्याज से ज्यादा आमदनी और संपत्ति का प्रदर्शन बेहतर होना है। बजाज फाइनैंस के शुद्ध मुनाफे में वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही में आवास ऋण देने वाली इकाई बजाज फाइनैंस का 451 करोड़ रुपये कर के बाद मुनाफा शामिल है।
30 सितंबर 2023 को प्रबंधन के तहत संपत्ति (एयूएम) 2.9 लाख करोड़ रुपये था, जो 30 सितंबर 2022 को 2.18 लाख करोड़ रुपये था। इसमें 33 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। दूसरी तिमाही के परिणाम की घोषणा करते हुए बजाज फाइनैंस के प्रबंधन ने भरोसा जताया था कि वह 1.3 से 1.4 करोड़ नए ग्राहक जोड़ेगा और वित्त वर्ष 24 में एयूएम में भारी वृद्धि होगी।