कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते रविवार को वरिष्ठ अफसरों के साथ बैठक की थी। इसके बाद एक निजी विमानन कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी ने अपने परिचालन प्रमुख से उड़ानें अचानक बंद करने के लिए तैयार रहने को कहा था।
एक महीने पहले वह निवेशकों से मिल रहे थे और उन्हें समझा रहे थे कि विमानन क्षेत्र में पूरी तरह सुधार आ चुका है और भारतीय विमानन उद्योग का भविष्य उज्ज्वल है। कई विमानन कंपनियों द्वारा वेतन कटौती वापस लिए जाने के करीब दो हफ्ते बाद कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आने और कई शहरों में आरटी-पीसीआर जांच अनिवार्य किए जाने से गर्मियों के लिए बुकिंग में कमी आई है। इससे विमानन कंपनियों में फिर से घबराहट बढ़ गई है।
नागर विमानन मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि मार्च के पहले हफ्ते उड़ानों में 60 फीसदी सीटें भर रही थीं, जो पहले 70 फीसदी थी। विमानन उद्योग के संगठन आईएटीए के अनुसार बजट विमानन कंपनियों को मुनाफा कमाने के लिए कम से कम 80 फीसदी सीटें भरनी जरूरी हैं।
डीजीसीए प्रमुख अरुण कुमार ने कहा, ‘संक्रमण के बढ़ते मामलों से कारोबार सुधार में देरी हो सकती है। लेकिन टीकाकरण अभियान में तेजी से साल के अंत तक सुधार आने की उम्मीद है।’
घटती मांग को देखते हुए विमानन कंपनियां नए विमानों की आपूर्ति लेने में सतर्कता बरतने लगी हैं। कुछ ने तो नई आपूर्ति को टालने की तैयारी कर ली है। मामले के जानकार एक शख्स ने कहा कि स्पाइसजेट और एयर एशिया मई के अंत तक 8 नए विमान लेने वाली थीं। लेकिन अब वे इसे ठंडे बस्ते में डालने की योजना बना रही हैं क्योंकि यातायात मांग को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।
एक निजी विमानन कंपनी के कॉमर्शियल प्रमुख ने कहा, ‘अगले 30 दिन के लिए बुकिंग में भारी कमी आई है। मई के लिए बुकिंग लगभग शून्य है।’
किसी टिकट को अधिक से अधिक दाम पर बेचने की कला पुराने आंकड़ों पर आधारित है। विमानन कंपनियों को यह पता होता है कि अप्रैल के तीसरे गुरुवार को 2 बजे मुंबई रवाना होने वाली उड़ान की कितनी मांग होगी। एयर इंडिया में एक नेटवर्क प्लानर ने कहा, ‘ग्रीष्मकालीन समय-सारणी के लिए हम 2019 के आंकड़ों पर यह सोचकर निर्भर थे कि चीजें एक बार फिर पटरी पर लौट आएंगी। अब ऐसी कोई तस्वीर नजर नहीं आ रही है और एक बार हम फिर अंधेरे में तीर चला रहे हैं।’
भारत की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो सतर्क हो गई है और सूत्रों ने कहा कि अब अमूमन एक महीने के बजाय पायलटों को 15 दिनों की समय-सारणी दी जा रही है।
इस बारे में इंडिगो के एक अधिकारी ने कहा, ‘कोई भी निर्णय करने से पहले हम परिस्थितियों पर नजर रखते हुए इंतजार कर रहे हैं। अगर मुझसे तुलना करने के लिए कहा जाए तो मुझे यह नहीं कहना चाहिए कि स्थिति पिछले वर्ष की तरह ही खराब हैं, लेकिन जो नई उम्मीद जगी थी वह धूमिल होती दिख रही है।’ अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद रहने के बीच इंडिगो के नेटवर्क प्लानर अब नए मार्गों पर दांव लगा रहे हैं क्योंकि उनके कई विमान और बड़ी संख्या में चालक दल के सदस्य बैठे हैं। अगर मांग और कम हुई तो इंडिगो के लिए यह नुकसानदेह होगा क्योंकि इससे कंपनी के लिए विमान मुनाफा देने वाले मार्गों पर डालना मुश्किल हो जाएगा।
इंडिगो के सीईओ रणजय दत्ता ने कहा कि मांग का अंदाजा परिस्थितियों को देखकर लगाया जाता है और जब लोग वायरस के डर से सहमे हैं तो बुकिंग में कमी तो आएगी ही।