अरबपति अनिल अग्रवाल (Anil Aggarwal) ने गुरुवार को अपनी खनन कंपनी वेदांत (Vedanta) को दोगुना बड़ा बनाने का साहसिक विजन पेश किया। यह लक्ष्य कंपनी की ‘3D’ रणनीति—डिमर्जर (विभाजन), डाइवर्सिफिकेशन (विविधीकरण) और डिलेवरेजिंग (कर्ज में कमी)—पर आधारित है। वेदांत लिमिटेड की 60वीं सालाना आम बैठक (AGM) में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए अग्रवाल ने कहा कि डिमर्जर के तहत अलग किए गए प्रत्येक बिजनेस में 100 अरब डॉलर की कंपनी बनने की क्षमता है।
अग्रवाल ने कहा कि कंपनी इस समय अपने कारोबार पुनर्गठन के एडवांस चरण में है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे कारोबार विभाजन के प्रस्ताव को 99.5% से अधिक शेयरधारकों और लेनदारों का समर्थन प्राप्त है। यह एक अभूतपूर्व विश्वास मत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रस्ताव पर अमल होने के बाद वेदांत लिमिटेड में प्रत्येक शेयर के बदले हर शेयरधारक को चार अलग होने वाली कंपनियों में से प्रत्येक में एक-एक शेयर मिलेगा।’’
Also Read: जानिए कौन है Viceroy Research? Vedanta से पहले Tesla, AMD समेत 29 कंपनियों पर जारी की है रिपोर्ट
वेदांता के चेयरमैन ने कहा, ‘‘कारोबार विभाजन के बाद प्रत्येक बिजनेस को एक नया ‘फोकस’, नए निवेशक और अपनी पूरी क्षमता हासिल करने का एक अनूठा अवसर मिलेगा।’’ अग्रवाल ने कहा कि वेदांत की योजना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में 1,000 स्टार्टअप कंपनियों के साथ साझेदारी करने की भी है। इससे वेदांत सबसे बड़े इनोवेशन केंद्रों में से एक बन जाएगी जो अगली पीढ़ी के प्रौद्योगिकी दिग्गजों को पोषित करेगा।
कंपनी के कारोबार को अलग करने से एल्युमीनियम, तेल एवं गैस, बिजली, लोहा एवं इस्पात और जस्ता एवं चांदी पर केंद्रित अलग-अलग कंपनियां बनेंगी। वेदांत के प्रत्येक शेयरधारक को नई कंपनियों में शेयर मिलेंगे। वेदांत लिमिटेड की वार्षिक आम बैठक अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग कंपनी वायसराय रिसर्च की बुधवार को जारी उस रिपोर्ट के एक दिन आयोजित हुई है जिसमें अग्रवाल के नेतृत्व वाली ब्रिटिश कंपनी वेदांता रिसोर्सेज को ‘परजीवी’ और भारतीय इकाई को ‘व्यवस्थित रूप से खत्म’ करने वाला बताया गया था।
अमेरिकी फर्म ने वेदांत लिमिटेड की मूल कंपनी वेदांत रिसोर्सेज के ऋण के खिलाफ एक शॉर्ट पोजीशन ली थी। उसने आरोप लगाया कि यह समूह ‘अस्थिर ऋण, लूटी गई संपत्तियों और लेखांकन की कल्पना की नींव पर बना एक ताश का घर है।’ वेदांत ने इस आरोप को ‘चुनिंदा गलत सूचनाओं पर आधारित और आधारहीन’ बताते हुए खारिज कर दिया था। उसने कहा था कि इस रिपोर्ट का मकसद कंपनी को बदनाम करना है।
वेदांत रिसोर्सेज लिमिटेड की अनुषंगी कंपनी वेदांत लिमिटेड का कारोबार भारत, दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया, लाइबेरिया, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब जैसे देशों में फैला हुआ है। यह दुनिया की अग्रणी प्राकृतिक संसाधन, महत्वपूर्ण खनिज, ऊर्जा और प्रौद्योगिकी कंपनियों में से एक है।
Also Read: Vedanta की डील से Hindustan Zinc के शेयरों में हलचल, क्या अब खरीदें या बेचें? देखें टेक्निकल चार्ट
अग्रवाल ने कहा कि भारत का भू-विज्ञान कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे संसाधन-समृद्ध देशों के बराबर है, लेकिन केवल 25% क्षेत्र में ही खनिज संपदाओं का अन्वेषण किया गया है। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्र में त्वरित वृद्धि के लिए उपयुक्त समय है। कंपनी ने पूरे भारत में 10 महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉक हासिल किए हैं, जो किसी भी निजी क्षेत्र की कंपनी को हासिल सर्वाधिक खनिज ब्लॉक में से एक है। कंपनी दुनिया का पहला औद्योगिक जिंक पार्क और देश का सबसे बड़ा एल्युमीनियम पार्क भी स्थापित कर रही है।
(PTI के इनपुट के साथ)