कंपनी मामलों का मंत्रालय (एमसीए) इस साल के अंत तक सभी तरह की फाइलिंग को नए वर्जन-3 पर ले जाने की योजना बना रहा है। इस समय केवल 9 फॉर्म ही वर्जन-3 पर भरे जाते हैं।
तमाम कंपनी सेक्रेटरी नई वेबसाइट में तकनीकी कमियों का मसला उठा रहे हैं। वहीं एमसीए के अधिकारियों ने कहा है कि नई व्यवस्था में पहले की तुलना में ज्यादा फॉर्म दाखिल किए गए हैं। उदाहरण के लिए अप्रैल 2022 से कुल एलएलपी फाइलिंग 3,19,000 रही है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 2,81,000 थी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम धीरे-धीरे नए वर्जन की ओर बढ़ रहे हैं, इसलिए असुविधा नहीं हो रही है। इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स और कंपनी सेक्रेटरीज के साथ मिलकर वेब आधारित फॉर्म का एमसीए उपयोगकर्ता स्वीकार्यता परीक्षण करा रहा है, साथ ही नए पोर्टल को लेकर उनके साथ साप्ताहिक समीक्षा भी कर रहा है।
पोर्टल के इस्तेमाल में होने वाली समस्याओं के समाधान के लिए आईसीएआई और आईसीएसआई ने हेल्प डेस्क बनाया है। वहीं तमाम कंपनी सेक्रेटरियों ने डिजिटल हस्ताक्षर पंजीकृत न हो पाने, वन टाइम पासवर्ड न मिलने, चालान जेनरेट करने सहित कई समस्याएं बताई है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘एक ई-मेल आईडी पर कई यूजर आईडी नहीं हो सकती।
एक पैन पर एक ई-मेल और एक डिजिटल हस्ताक्षर की अनुमति है। हमें हर एक की पहचान करनी पड़ रही है और इसकी वजह से समस्या हो रही है।’सरकार ने कहा है कि ज्यादातर तकनीकी मसले बड़े नहीं हैं और सभी उचित चिंता का समाधान कर लिया जाएगा। एमसीए ने पूरी तरह नए वर्जन पर जाने की योजना बनाई है, वहीं बदलाव के चरण में कठिनाइयां आने की स्थिति में पेशेवर अंतिम तिथि बढ़ाने का अनुरोध कर रहे हैं।
दिल्ली के एक कंपनी सेक्रेटरी ने कहा, ‘यह अवधारणा अच्छी है और अनुपालन न किए जाने की पहचान न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप से हो सकती है। लेकिन इसे कारोबार सुगमता की कीमत पर नहीं किया जाना चाहिए। एमसीए 21 पोर्टल का वर्जन 3 एलऐंडटी इन्फोटेक ने विकसित किया है।
एलएलपी मॉड्यूल अप्रैल में लागू किया गया था, वहीं कंपनियों के लिए यह इस साल 9 फॉर्मों के साथ अगस्त में पेश किया गया। यह डेटा से संचालित व्यवस्था है, जिसकी डिजाइन न सिर्फ कंपनियों की फाइलिंग सुगम बनाने के लिए की गई है, बल्कि फाइलिंग में चूक की स्थिति में शुरुआत में इसकी पहचान हो जाती है।