नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने 6 सितंबर को बेंगलूरु-पुणे उड़ान में सात यात्रियों को चढ़ने नहीं देने और अनिवार्य मुआवजा देने में विफल रहने पर अकासा एयर पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। विनियामक के साथ विमानन कंपनी का यह पहला विवाद नहीं है। अक्टूबर में विनियामक ने पायलट प्रशिक्षण में चूक के मामले में अकासा एयर पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।
इस महीने की शुरुआत में डीजीसीए ने अकासा एयर को दो कारण बताओ नोटिस जारी किए थे। पहला नोटिस विमानन कंपनी के अपने उड़ान संचालन निदेशक द्वारा छह महीने की अनिवार्य अवधि के भीतर संचालन मैनुअल को संशोधित करने में विफल रहने के मामले में दिया गया था। दूसरा नोटिस अगस्त में बेंगलूरु हवाई अड्डे पर जांच के बाद जारी किया गया था, जिसमें विमान के ‘खराब रखरखाव मानकों’ और ‘चूक’ का पता चला था।
डीजीसीए की नवीनतम कार्रवाई उन सात यात्रियों को विमान में सवार नहीं होने देने से संबंधित है। उन यात्रियों ने 6 सितंबर को बेंगलूरु से पुणे के लिए टिकट लिया था। जिस विमान को उड़ान भरनी थी, उसे किसी बाहरी वस्तु से नुकसान पहुंचन से रोक दिया गया था। उसके बदले जो विमान आया उसमें नौ सीटें बैठने लायक नहीं थीं, इसलिए सात यात्रियों को सफर करने से रोक दिया गया था।
बाद में, यात्रियों को रात 10.40 बजे के निर्धारित प्रस्थान समय के साथ इंडिगो की उड़ान में ले जाया गया। यह उड़ान समय वास्तविक अकासा उड़ान के निर्धारित प्रस्थान समय से एक घंटे से अधिक था। सूत्र ने कहा कि यात्रियों को कोई मुआवजा नहीं दिया गया जो डीजीसीए मानदंडों के खिलाफ था।