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Air India urination case: आरोपी शंकर मिश्रा को जमानत मिली

Last Updated- January 31, 2023 | 8:36 PM IST
Air India pee gate

दिल्ली की एक अदालत ने न्यूयॉर्क से दिल्ली आने वाली एअर इंडिया (Air India) की एक उड़ान में एक महिला सहयात्री पर पेशाब करने के आरोपी शंकर मिश्रा को मंगलवार को जमानत दे दी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरज्योत सिंह भल्ला ने एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही रकम की जमानत राशि पर यह राहत दी। मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा जमानत से इनकार के बाद आरोपी ने अपील दायर की थी।

मिश्रा को छह जनवरी को बेंगलूरु से गिरफ्तार किया गया था और यहां की एक अदालत ने सात जनवरी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। मिश्रा ने पिछले साल 26 नवंबर को एअर इंडिया की एक उड़ान के बिजनेस क्लास में नशे की हालत में 70 वर्षीय एक महिला पर कथित तौर पर पेशाब किया था।

सोमवार को अर्जी पर सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने कहा कि मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा नामित गवाह अभियोजन पक्ष के पक्ष में गवाही नहीं दे रहे हैं। न्यायाधीश ने कहा, ‘आपने (जांच एजेंसी) जिन गवाहों का नाम लिया है, वे आपके पक्ष में गवाही नहीं दे रहे हैं…शिकायतकर्ता के बयान और इला बनर्जी (गवाह और एक अन्य सह-यात्री) के बयान में विरोधाभास है।’

पुलिस ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा, ‘घटना के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की बदनामी हुई है।’ इस पर न्यायाधीश ने कहा, ‘यह घृणित हो सकता है, लेकिन यह अन्य मसला है, इसमें मत जाइए। पहले यह देखें कि कानून इससे कैसे निपटता है।’

न्यायाधीश द्वारा यह पूछे जाने पर कि आरोपी को मामले में प्राथमिकी के बारे में कैसे पता चला, अभियोजन पक्ष ने कहा कि ‘मीडिया के माध्यम से।’ न्यायाधीश ने आगे अभियोजन पक्ष से पूछा कि मीडिया को प्राथमिकी के बारे में कैसे पता चला। अभियोजन पक्ष ने अदालत से कहा कि सबको पता था। राहत का अनुरोध करते हुए मिश्रा ने कहा कि शुरू में एक मजिस्ट्रेट अदालत ने जमानत को अस्वीकार कर दिया था, क्योंकि जांच लंबित थी।

यह भी पढ़ें: Air India urination case: अदालत ने आरोपी शंकर मिश्रा की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

आरोपी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता ने कहा, ‘अब यह (जांच) हो चुकी है और उन्होंने चालक दल के अन्य सदस्यों और गवाहों से पूछताछ की है।’ गुप्ता ने कहा कि मिश्रा के खिलाफ सभी कथित अपराध जमानती हैं। न्यायाधीश ने सोमवार को मिश्रा की अपील पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने 11 जनवरी को मिश्रा को यह कहते हुए राहत देने से इंकार कर दिया था कि उसका कृत्य घृणित और खौफनाक, नागरिक चेतना को झकझोरने वाला था और इसकी निंदा करने की जरूरत है।

First Published - January 31, 2023 | 8:36 PM IST

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