यूरोप की दिग्गज कंपनी एयरबस (Airbus) और अमेरिका की बोइंग (Boeing) को एयर इंडिया द्वारा दिया गया ऑर्डर 840 विमानों के लिए है, जिनमें से 470 विमानों के लिए पक्का ऑर्डर है और शेष 370 विमानों का ऑर्डर विकल्प के तौर पर हैं। विमान कंपनी के चीफ कमर्शियल ऐंड ट्रांसफॉर्मेशन ऑफिसर (सीसीटीओ) निपुण अग्रवाल ने बुधवार को यह जानकारी दी।
विमान कंपनी ने मंगलवार को कहा था कि उसने एयरबस को 250 विमानों का और बोइंग को 220 विमानों का पक्का ऑर्डर दिया है। यह दुनिया का अब तक का सबसे बड़ा विमानों का एक बार दिया गया ऑर्डर है।
बुधवार रात अग्रवाल ने लिंक्डइन पर कहा ‘इस ऑर्डर में 470 विमानों का पक्का ऑर्डर, 370 विकल्प और अगले दशक में एयरबस तथा बोइंग से खरीदे जाने वाले खरीद अधिकार शामिल हैं। एयरबस के पक्के ऑर्डर में 210 ए320/321नियो/एक्सएलआर और 40 ए350-900/1000 शामिल हैं।’
उन्होंने कहा कि बोइंग के पक्के ऑर्डर में 190 बी737मैक्स, 20 बी787 और 10 बी777 शामिल हैं। हमने सीएफएम इंटरनैशनल, रॉल्स-रॉयस और जीई एयरोस्पेस के साथ इंजनों के दीर्घकालिक रखरखाव के लिए भी करार किया है।
विमान कंपनी ने औपचारिक रूप से यह नहीं बताया है कि इन विमानों की डिलिवरी कब शुरू होगी। हालांकि एयरबस ने कहा है कि ए350 विमानों की डिलिवरी इस साल से शुरू हो जाएगी। सूत्रों ने कहा कि ए320 नियो परिवार के विमानों की डिलिवरी वर्ष 2026 से शुरू हो सकती है।
सूत्रों के अनुसार ए350 और बी777 का उपयोग मुख्य रूप से भारत-उत्तरी अमेरिका के मार्गों पर किया जाएगा, जबकि बी787 का परिचालन लंबी दूरी के गंतव्यों और कुछ छोटी दूरी के गंतव्यों पर किया जाएगा। एक350, बी777 और बी787 बड़े आकार वाले विमान हैं, जिनमें बड़े ईंधन टैंक होते हैं। ये उन्हें भारत-उत्तरी अमेरिका मार्गों जैसी लंबी दूरी तय करने की अनुमति देते हैं।
सूत्रों ने कहा कि हालांकि विमान कंपनी बड़े आकार वाले इन विमानों को खरीद सकती है, लेकिन छोटे आकार वाले विमान (ए320 नियो परिवार के विमान और बी737मैक्स विमान) सेल-ऐंड-लीजबैक प्रारूप के तहत लिए जा सकते हैं। सेल-ऐंड-लीजबैक प्रारूप के तहत कोई नया विमान किसी पट्टाधारक को बेचा जाता है, जो फिर इसे तुरंत ही वापस विमान कंपनी को पट्टे पर दे देती है, जिससे विमान कंपनी को अपने नकदी प्रवाह में मदद मिलती है। सूत्रों ने बताया कि इसके अलावा विमान कंपनी ने विमान विनिर्माताओं और इंजन विनिर्माताओं से व्यापक सहायता का वचन लिया है।
उन्होंने कहा कि साथ ही एयर इंडिया छोटे आकार के कुछ विमानों को अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर तैनात कर सकती है। उन्होंने कहा कि विमान कंपनी आने वाले बेड़े के लिए खासा श्रमबल तैयार करने के वास्ते एक प्रशिक्षण अकादमी विकसित कर रही है, विशेष रूप से कॉकपिट और केबिन क्रू के लिए।