अनिश्चितता भरे शेयर बाजार में सत्यम धोखाधड़ी जैसे उदाहरणों ने इम्पलॉयीज स्टॉक ऑप्शन प्रोग्राम (ईसॉप) की साख पर भी बट्टा लगा दिया है।
ईसॉप का इस्तेमाल प्रतिभा को आकर्षित करने और उसे बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण हथियार के रूप में किया जाता रहा है।
सत्यम के शेयरों में आई जबर्दस्त गिरावट के बाद बुधवार को कंपनी के कर्मचारियों को तकरीबन 221 करोड़ रुपये का भारी-भरकम नुकसान उठाना पड़ा।
सितंबर की तिमाही के अंत में सत्यम के कर्मचारियों को ईसॉप विकल्प के तहत 1.59 करोड़ शेयर दिए गए थे। कंपनी के जिन कर्मचारियों ने इस विकल्प के तहत शेयर लिए हैं, उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
जिन कर्मचारियों ने ईसॉप के विकल्प को चुना, उनमें सत्यम के मध्यम स्तर के कर्मचारियों की तादाद अच्छी-खासी है और अब वे शेयर में आई भारी गिरावट झेल रहे हैं। अपने शेयरों को नहीं बेचने वाले अब उन्हें कम कीमत पर बेचने को बाध्य होंगे।
ईसॉप का चयन करने वाले एक परियोजना प्रबंधक ने कहा, ‘अगर कोई अन्य कंपनी सत्यम को खरीदती है तो ईसॉप के तहत शेयर लेने वालो को फायदा नहीं होगा। इसलिए इस समूह और और अधिक विपरीत असर दिखेगा।’
कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सत्यम के पुराने कर्मचारियों में से 40 फीसदी ने निवेश और तेज बढ़ोतरी समझे जाने वाले ईसॉप के विकल्प का चयन किया था।