अमेरिकी प्राइवेट इक्विटी दिग्गज एडवेंट इंटरनैशनल, भारत सीरम ऐंड वैक्सीन्स (BSV) की पूरी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है। महिलाओं के स्वास्थ्य सेवा, असिस्टेड रीप्रोडक्टिव ट्रीटमेंट, क्रिटिकल केयर और आपातकालीन दवाओं के मामले में अग्रणी है। यह सौदा कुल 2 अरब डॉलर के एंटरप्राइज वैल्यू पर हो सकता है।
बैंकिंग सूत्रों ने कहा, प्राइवेट इक्विटी फर्म ने इस बिक्री के लिए कई भारतीय कंपनियों और अन्य प्राइवेट इक्विटी फर्मों के साथ बातचीत शुरू की है। इस बारे में जानकारी के लिए एडवेंट और बीएसवी को शुक्रवार को भेजे गए ईमेल का जवाब सोमवार तक नहीं मिला।
फरवरी 2020 में एडवेंट ने कंपनी की 74 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण कर प्राइवेट इक्विटी निवेशकों ऑर्बिमेड एशिया और कोटक पीई की पूरी निकासी और दफ्तरी फैमिली की आंशिक निकासी का मार्ग प्रशस्त किया था। इसके बाद डिपार्टमेंट ऑफ फार्मास्युटिकल्स (डीओपी) की मंजूरी के बाद एडवेंट ने मौजूदा वित्त वर्ष में दफ्तरी फैमिली से बाकी 26 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली थी।
एक बैंकर ने कहा, एडवेंट ने बहुलांश हिस्सेदारी बेचने के लिए बातचीत शुरू की है और कई भारतीय कंपनियों से संपर्क किया गया है। कंपनी का मूल्यांकन इस वित्त वर्ष के आखिर में 500 करोड़ रुपये के अनुमानित एबिटा और वित्त वर्ष 25 के आखिर में 650 करोड़ रुपये के अनुमानित एबिटा पर हुआ है।
वित्त वर्ष 2023 में कंपनी का एकीकृत राजस्व 15 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 1,435.4 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जिसकी वजह महिलाओं की स्वास्थ्य सेवा और असिस्टेड रीप्रोडक्टिव सेगमेंट में खासी बढ़ोतरी है। महिलाओं की स्वास्थ्य सेवा और असिस्टेड रीप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी के राजस्व में वित्त वर्ष 23 के दौरान क्रमश: 42 फीसदी व 230 फीसदी की उछाल दर्ज हुई।
प्राइवेट इक्विटी फर्मों की तरफ से मौजूदा कैलेंडर वर्ष में निवेश धीमा हुआ है, जो उच्च मूल्यांकन समेत कुछ और वजहों से है। कई प्राइवेट इक्विटी व कंपनी मालिक उच्च मूल्यांकन का फायदा उठाने के लिए अपनी-अपनी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रहे हैं।
इस साल सितंबर में सुवेन फार्मा की 50.1 फीसदी हिस्सेदारी के अधिग्रहण के जरिये एडवेंट ने एक अन्य बड़ा निवेश किया था, जो 495 रुपये प्रति शेयर पर हुआ था और सेबी की अधिग्रहण संहिता के दिशानिर्देशों के तहत बाकी 26 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की पेशकश की थी। प्राइवेट इक्विटी फर्म की नजर स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र पर है और उसकी योजना सुवेन फार्मा का इस्तेमाल वैश्विक स्तर पर कॉन्ट्रैक्ट डेवलपमेंट ऐंड मैन्युफैक्चरिग (सीडीएमओ) के क्षेत्र में अग्रणी कंपनी बनने में करने की है।
बैंकरों ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा, वित्तीय सेवाएं और कंज्यूमर रिटेल प्राइवेट इक्विटी क्षेत्र की तरफ से निवेश का अहम गंतव्य बन गया है। ज्यादातर प्राइवेट इक्विटी कंपनियां भारत में निवेश के लिए भारी नकदी पर बैठी हैं और निवेश का मौका तलाश रही हैं। बैंकरों ने कहा कि उतारचढ़ाव के बावजूद कुछ साल पहले तक भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में करीब एक चौथाई की भागीदारी करने वाली प्राइवेट इक्विटी का अब एफडीआई में दो तिहाई से ज्यादा हिस्सेदारी है।