बायोफार्मास्युटिकल क्षेत्र की प्रमुख कंपनी बायोकॉन ने घोषणा की है कि उसकी सहायक कंपनी बायोकॉन बायोलॉजिक्स के बोर्ड ने अबू धाबी की कंपनी एडीक्यू के 7.5 करोड़ डॉलर के पूंजी निवेश को मंजूरी दी है। प्रस्तावित समझौते की शर्तों के अनुसार, एडीक्यू को कंपनी में 1.8 फीसदी हिस्सेदारी मिलेगी। इस निवेश के साथ ही बायोकॉन बायोलॉजिक्स का मूलयांकन बढ़कर 4.17 अरब डॉलर हो जाएगा।
बायोकॉन की कार्यकारी चेयरपर्सन किरण मजूमदार शॉ ने कहा, ‘यह निवेश बायोकॉन बायोलॉजिक्स के कारोबार के उस मूल्य को प्रोत्साहित करता है जिसे हमने पूरी तरह एकीकृत बायोसिमिलर कंपनी के तौर पर हासिल किया है। साथ ही इससे हमें अपनी क्षमताओं में और अधिक विस्तार करने में मदद मिलेगी। हम दुनिया भर में स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था में बचत के लिए अपने किफायती नवोन्मेषी मॉडल को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’
बेंगलूरु की इस कंपनी द्वारा पिछले 12 महीनों के दौरान जुटाई गई यह चौथी रकम है। पिछले साल निजी इक्विटी फर्म ट्रू नॉर्थ और टाटा कैपिटल ने आईपीओ की तैयारी करने वाली इस कंपनी में बहुलांश हिस्सेदारी हासिल करते हुए क्रमश: 7.5 करोड़ डॉलर और 3 करोड़ डॉलर का निवेश किया था। कंपनी के बोर्ड ने वैश्विक बैंकिंग एवं निवेश फर्म गोल्डमैन सैक्स द्वारा नवंबर में किए गए 15 करोड़ डॉलर के निवेश को भी मंजूरी दी थी।
बायोकॉन बायोलॉजिक्स के सीईओ एवं प्रबंध निदेशक क्रिस्टिन हैमेचर ने कहा, ‘बायोकॉन बायोलॉजिक्स में एडीक्यू के इक्विटी निवेश से हमारे कारोबारी मॉडल के मूल्य को समर्थन मिलता है। इससे बायोलॉजिक्स के क्षेत्र में अग्रणी वैश्विक कंपनी बनने संबंधी हमारे संकल्प को मजबूती मिलती है।’
बायोकॉन बायोलॉजिक्स के पास मधुमेह, ऑन्कोलॉजी, इम्यूनोलॉजी, डर्मेटोलॉजी, नेत्र विज्ञान, न्यूरोलॉजी, रुमेटोलॉजी और सूजन संबंधी बीमारियों के उपचार के लिए 28 बायोसिमिलर दवाओं का प्लेटफॉर्म है। पिछले साल अमेरिका में कंपनी की इंसुलिन ग्लार्जिन की बिक्री शुरू हुई थी जिससे कंपनी के लिए 2.2 अरब डॉलर का अवसर खुला था। कंपनी फिलहाल अपने इंसुलिन पोर्टफोलियो में दो अन्य दवाओं पर काम कर रही है।