गौतम अदाणी के खिलाफ अमेरिकी अधिकारियों द्वारा $265 मिलियन के कथित रिश्वत मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद अदाणी ग्रुप को फंडिंग संकट का सामना करना पड़ सकता है। क्रेडिट एनालिस्ट्स का कहना है कि कुछ बैंक अदाणी ग्रुप को नए कर्ज देने पर अस्थायी रोक लगाने पर विचार कर रहे हैं।
अदाणी ग्रुप के बॉन्ड्स में लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को तेज गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, गुरुवार की भारी गिरावट के बाद कुछ शेयरों में स्थिरता देखी गई। सूत्रों के मुताबिक, कुछ अंतरराष्ट्रीय बैंक अदाणी ग्रुप को नया कर्ज देने पर अस्थायी रोक लगाने पर विचार कर रहे हैं, लेकिन बैंक मौजूदा कर्ज जारी रखेंगे।
बैंकों में चर्चा तेज
अदाणी के अंतरराष्ट्रीय कर्जदाता बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने अपने संस्थानों के भीतर कई बार बातचीत की है। चर्चा इस बात पर है कि इस मामले का अदाणी ग्रुप की वित्तीय स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
रिसर्च फर्म CreditSights ने कहा है कि अदाणी ग्रुप के ग्रीन एनर्जी कारोबार, जो इन आरोपों के केंद्र में है, के लिए रीफाइनेंसिंग सबसे बड़ी चिंता है। रेटिंग एजेंसी S&P ने चेतावनी दी है कि ग्रुप को अपनी बड़े पैमाने पर विस्तार योजनाओं के लिए नियमित रूप से इक्विटी और कर्ज बाजार तक पहुंच की जरूरत होगी। हालांकि, मौजूदा स्थिति में निवेशकों का भरोसा कमजोर हो सकता है।
ग्रुप लिमिट लगा सकते हैं निवेशक
विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय और कुछ अंतरराष्ट्रीय बैंक और बॉन्ड निवेशक अदाणी ग्रुप को एक इकाई के रूप में देखते हैं। वे ग्रुप पर अपने एक्सपोजर को सीमित करने के लिए कदम उठा सकते हैं।
घूस के गंभीर आरोप
अमेरिकी अभियोजकों ने अदाणी और सात अन्य लोगों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने भारतीय सरकारी अधिकारियों को $265 मिलियन की रिश्वत देने की योजना बनाई थी। इसका उद्देश्य 20 वर्षों में $2 बिलियन के लाभ वाले अनुबंध और भारत की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना हासिल करना था। अदाणी ग्रुप ने इन आरोपों को “बेबुनियाद और गलत” बताते हुए खारिज किया है। कंपनी ने कहा कि वह कानूनी विकल्पों का सहारा लेगी।
नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र पर असर
स्वतंत्र विश्लेषक निमिष माहेश्वरी ने कहा कि इस विवाद के कारण भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र पर अंतरराष्ट्रीय निवेश कम हो सकता है। निवेशक अधिक पारदर्शिता और जांच की मांग कर सकते हैं, जिससे प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग धीमी हो सकती है।
भारतीय बाजार नियामक सेबी यह जांच कर रहा है कि अदाणी ग्रुप द्वारा दी गई जानकारी में कोई कमी तो नहीं थी और क्या उन्होंने स्थानीय बाजार नियमों का उल्लंघन किया। जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद सेबी ने अदाणी ग्रुप की जांच पूरी कर ली है, लेकिन अब तक कोई आदेश जारी नहीं किया है।
बॉन्ड प्राइस में गिरावट
अदाणी ग्रुप के डॉलर बॉन्ड्स में भी गिरावट देखी गई। शुक्रवार को अदाणी पोर्ट्स और स्पेशल इकनॉमिक ज़ोन के 2029 वाले बॉन्ड की कीमत $2.5 कम होकर $87.8 पर आ गई। दो दिनों में यह कीमत $5 से अधिक गिर चुकी है। यह मामला केवल अदाणी ग्रुप तक सीमित नहीं रह सकता। भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय निवेश पर इसके व्यापक प्रभाव पड़ने की आशंका है।
अदाणी ग्रुप के लंबे समय के मैच्योरिटी वाले बॉन्ड्स की कीमतें दो दिनों में लगभग $5 गिरकर 80 सेंट से नीचे पहुंच गई हैं। अदाणी ट्रांसमिशन और अदाणी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई के बॉन्ड्स में भी इसी तरह की गिरावट दर्ज की गई है।
$26 बिलियन का नुकसान
हालांकि, कुछ अदाणी कंपनियों के शेयर गुरुवार की गिरावट के बाद कुछ हद तक संभले, लेकिन फिर भी उनके संयुक्त बाजार मूल्य में $26 बिलियन की कमी आई है।
रद्द हुए प्रोजेक्ट्स
केन्या: अदाणी ग्रुप के साथ देश के मुख्य हवाईअड्डे के लिए लगभग $2 बिलियन का एक प्रमुख कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया गया है।
भारत: पिछले महीने ऊर्जा मंत्रालय के साथ $736 मिलियन का 30-वर्षीय पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप सौदा भी रद्द कर दिया गया।
अमेरिका: अदाणी ग्रीन एनर्जी ने $600 मिलियन का बॉन्ड सेल कैंसल कर दिया।
घूस के गंभीर आरोप
अमेरिकी अभियोजकों का कहना है कि गौतम अदाणी, उनके भतीजे सागर अदाणी, और अन्य ने भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देकर अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं में व्यावसायिक लाभ प्राप्त किया। इन परियोजनाओं से अदाणी ग्रीन एनर्जी और Azure Power (2023 तक न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड) को फायदा हुआ।
अमेरिकी अभियोजकों ने यह भी आरोप लगाया है कि अदाणी और उनकी टीम ने 2023 में अमेरिकी जांच के बारे में जानकारी होने के बावजूद निवेशकों को गुमराह किया।
प्रतिक्रिया का इंतजार
गौतम अदाणी ने आरोपों पर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है, और उनकी लोकेशन फिलहाल अज्ञात है। भारतीय अधिकारियों ने अब तक विपक्ष की जांच की मांग पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। निवेशक यह भी देख रहे हैं कि क्या अदाणी ग्रुप की और डील्स प्रभावित होंगी। यह संकट ऐसे समय आया है जब अदाणी ग्रुप ने हाल ही में दो शेयर बिक्री के जरिए $1.5 बिलियन जुटाए थे। (रॉयटर्स के इनपुट के साथ)