भारतीय अरबपति गौतम अदाणी का ग्रुप (Adani Group) डॉलर बांड के जरिए लगभग 500 मिलियन डॉलर जुटाने पर चर्चा कर रहा है, जो पिछले साल अमेरिकी शॉर्ट सेलर Hindenburg Research की रिपोर्ट के बाद ग्रुप का पहला अंतरराष्ट्रीय निर्गम (issuance) है। गौर करने वाली बात है कि बीते साल हिंडनबोर्ड रिपोर्ट के बाद कंपनी की ऋण चुकाने की क्षमता को लेकर चिंता पैदा हो गई थी।
सौर ऊर्जा कंपनी अदानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड एक सौदे के बारे में विदेशी बैंकों से बात कर रही है, जिसमें एक अमेरिकी बैंक भी शामिल है। विवरण निजी हैं, और बिक्री, जो इस वर्ष के अंत में होने की उम्मीद है, अभी तक पुष्टि नहीं की गई है और अभी भी बदल सकती है।
हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा धोखाधड़ी और स्टॉक हेरफेर का आरोप लगाए जाने के बाद से ग्रुप के वित्त पर कड़ी नजर रखी जा रही है, जिसे अदाणी ने कई बार नकारा है। इस रिपोर्ट के कारण समूह के शेयरों और बांडों में गिरावट आई, जिससे संकेत मिलता है कि भविष्य में पूंजी जुटाने पर ग्रुप को ज्यादा कीमत चुकानी पड़ सकती है।
जनवरी 2023 में आरोपों के सार्वजनिक होने के बाद, अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड और एसीसी लिमिटेड के अधिग्रहण के लिए ऋण रीफाइनेंस की चर्चा रुक गई। हालांकि, अदाणी साल के अंत में 3.5 बिलियन डॉलर का फंडिंग पैकेज हासिल करने में कामयाब रहे।
बीते एक साल में अदाणी ग्रुप ने अपने वित्त में सुधार किया है और नये प्रोजेक्ट हासिल करने में सफलता पाई है, जिससे निवेशकों और ऋणदाताओं का उन्होंने भरोसा फिर से हासिल किया है। इसके स्टॉक और बॉन्ड बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, और इसे GQG पार्टनर्स LLC और कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी जैसे बड़े नामों से नए निवेश मिले हैं। (ब्लूमबर्ग के इनपुट के साथ)