देश की सबसे बड़ी हरित ऊर्जा कंपनी अदाणी ग्रीन वित्त वर्ष 2024 के लिए पहले घोषित 10,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय योजना पर नए सिरे से सोचेगी। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के नतीजों के बाद बॉन्डधारकों के साथ चर्चा के दौरान अदाणी ग्रीन के प्रबंधन ने कहा कि पूंजीगत व्यय का यह लक्ष्य पक्का नहीं है और अभी इस पर विचार किया जा रहा है।
पूंजीगत व्यय की योजना पर अदाणी ग्रीन ने अपना बयान बदला है। पिछले हफ्ते कंपनी प्रबंधन ने कहा था कि वित्त वर्ष 2024 के लिए 10,000 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2025 के लिए भी इतनी ही राशि के पूंजीगत व्यय की योजना है। 16 फरवरी को स्थिर आय वाले निवेशकों के साथ बातचीत में प्रबंधन ने कहा था, ‘अल्पावधि (12 से 18 महीने) के पूंजीगत व्यय पर नए सिरे से विचार किया जा रहा है। निकट अवधि में हमारा व्यय का लक्ष्य कम होगा। हम अपने विवेकाधीन पूंजीगत व्यय की समीक्षा करेंगे और निकट अवधि का अपना पूंजीगत व्यय कम करेंगे।’ बिज़नेस स्टैंडर्ड ने इस बैठक की कार्यवाही का ऑडियो सुना है।
हिंडनबर्ग विवाद के बाद अदाणी समूह की कंपनियों ने दूसरी बार अपने रुख में बदलाव किया है। अदाणी पवार ने डीबी पावर के अधिग्रहण के लिए बोली जीतने के करीब एक साल बाद पिछले हफ्ते इस सौदे से अपना हाथ खींच लिया था। अदाणी रोड ट्रांसपोर्ट ने भी नई सड़क परियोजनाओं पर अपनी सभी निवेश योजना रोक दी हैं।
बॉन्डधारकों को संबोधित करते हुए कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि वित्त वर्ष 2024 के लिए पूंजीगत व्यय में पक्का वादा और विवेकाधीन खर्च शामिल हैं। कंपनी ने कहा, ‘जितने पूंजीगत व्यय की बात की गई है, उसकी अभी समीक्षा की जा रही है। इनमें से बड़ा हिस्सा विवेकाधीन पूंजीगत व्यय का है।’ अदाणी ग्रीन के मुख्य वित्त अधिकारी फुन्सोक वांग्याल और कंपनी के इन्वेस्टर रिलेशंस (सूचीबद्ध इक्विटी और बॉन्ड) विरल रावल ने बॉन्डधारकों को संबोधित किया।
यह घटना मूडीज द्वारा अदाणी ग्रीन की रेटिंग घटाने के बाद हुई है। मूडीज ने अदाणी ग्रीन के परिदृश्य को बदलकर ऋणात्मक कर दिया था। अदाणी ग्रीन की आरजी1 और आरजी2 में 50 फीसदी हिस्सेदारी है, जिसमें इसकी निर्माणाधीन परियोजनाएं शामिल हैं।
मूडीज ने कहा था, ‘अदाणी ग्रीन को वित्त वर्ष 2025 के अंत तक 2.7 अरब डॉलर के ऋण का भुगतान करना है, जिनमें से 75 करोड़ डॉलर का सितंबर 2024 तक और 50 करोड़ डॉलर दिसंबर 2024 तक भुगतान करना है। ऋणात्मक परिदृश्य रेटिंग की यह प्रमुख वजह रही।’ बिज़नेस स्टैंडर्ड ने इस दस्तावेज को देखा है।
कंपनी ने कहा कि उसके नियोजित पूंजीगत व्यय का बड़ा हिस्सा उसकी परियोजनाओं से जुड़े जोखिम के कारण विवेकाधीन होगा। कंपनी के अनुसार अनुबंध दस्तावेज के मुताबिक दोनों पक्षों को कई आवश्यकताओं को निश्चित समयसीमा में पूरा करना होगा। अगर डिलिवरी पॉइंट में अंतिम छोर पर ट्रांसमिशन में देरी होती है तो हम पूंजीगत व्यय को टाल सकते हैं।
अदाणी ग्रीन के प्रबंधन ने कहा कि लाभार्थी तक पारेषण नेटवर्क का विस्तार करने में राज्य की बिजली वितरण कंपनियां पीछे चल रही हैं। कंपनी ने कहा, ‘हम परियोजना चालू होने और नजदीकी सब-स्टेशन तक इसे जोड़ने तथा बिजली की बिक्री करने पर ही पूंजीगत व्यय कर सकते हैं।’
चालू वित्त वर्ष के अंत तक अदाणी ग्रीन की उत्पादन क्षमता 8.1 गीगावाट होगी। कंपनी की योजना 2030 तक अपनी क्षमता बढ़ाकर 45 गीगावाट करने की है।