पिछले कुछ महीनों में पायलटों के इस्तीफे के कारण उड़ानों के रद्द होने से आकाश एयर की घरेलू बाजार हिस्सेदारी जुलाई के 5.2 फीसदी से घटकर अगस्त में 4.2 फीसदी हो गई। नागर विमानन निदेशालय (डीजीसीए) के आंकड़े दर्शाते हैं कि घरेलू विमानन कंपनी बाजार हिस्सेदारी के मामले में नकदी संकट से जूझ रही विमानन कंपनी स्पाइसजेट से एक स्थान पीछे खिसककर छठे स्थान पर पहुंच गई है।
उड़ानों के रद्द होने के कारण आकाश के परिचालन को भी नुकसान हुआ है। पायलटों के नौकरी छोड़ने के कारण ऐसा हुआ है क्योंकि कई पायलटों ने प्रतिद्वंद्वी कंपनी का दामन थाम लिया है। इस बीच पिछले महीने की तुलना में इस बार विस्तारा की बाजार हिस्सेदारी बढ़ी है। विमानन कंपनी की घरेलू बाजार की हिस्सेदारी जुलाई के 8.4 फीसदी से बढ़कर अगस्त में 9.8 फीसदी हो गई है।
विमानन कंपनी आकाश एयर ने इस बाबत जानकारी के लिए बिज़नेस स्टैंडर्ड द्वारा पूछे गए सवालों का खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं दिया। पिछले साल परिचालन शुरू करने वाली विमानन कंपनी ने इस साल जून में बाजार हिस्सेदारी के मामले में स्पाइसजेट को पीछे छोड़ दिया था। इसने जुलाई तक अपनी स्थिति बरकरार रखी।
आकाश एयर ने अगस्त और जुलाई के महीने में क्रमशः 5.27 लाख और 6.24 लाख यात्रियों को यात्रा कराई। वहीं दूसरी ओर स्पाइसजेट सेअगस्त में 5.41 लाख और जुलाई में 5.04 लाख यात्रियों ने उड़ान भरी। इंडिगो ने अगस्त में 63.3 फीसदी की बाजार हिस्सेदारी के साथ देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी के रूप में अपनी बढ़त बनाए रखी।
अगस्त में एयर इंडिया की बाजार हिस्सेदारी 9.8 फीसदी और एयर एशिया की बाजार हिस्सेदारी 7.1 फीसदी रही। इसी अवधि के दौरान टाटा की सभी विमानन कंपनियों- एयर इंडिया, विस्तारा और एयर एशिया इंडिया की संयुक्त बाजार हिस्सेदारी 26.7 फीसदी रही।
आंकड़ों के मुताबिक, सीटों के भराव के मामले में विस्तारा 91.3 फीसदी यात्री लोड फैक्टर के साथ विमानन कंपनियों के बीच अग्रणी रही। उसके बाद 90.9 फीसदी लोड फैक्टर के साथ स्पाइसजेट दूसरे पायदान पर रही।
इसी प्रकार इंडिगो 86.3 फीसदी, एयर इंडिया 84.5 फीसदी और आकाश एयर 87.3 फीसदी लोड फैक्टर के साथ सूची में शामिल रही। कुल मिलाकर, अगस्त में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या 1.24 करोड़ रही, जो एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 23 फीसदी अधिक है।