भारत की सबसे बड़ी पेंट कंपनी एशियन पेंट्स के शेयरों में सोमवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर इंट्रा-डे ट्रेडिंग में 9% से ज्यादा की गिरावट आई, जिससे इसकी कीमत 2,506 रुपये तक पहुंच गई। इस गिरावट के साथ, कंपनी के शेयर अपने 19 सितंबर 2024 को दर्ज 3,395 रुपये के हाई से 26% गिर चुके हैं और अब यह तीन साल के सबसे निचले स्तर पर है।
कंपनी के वित्तीय नतीजे:
वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) की दूसरी तिमाही (Q2) में एशियन पेंट्स की कुल शुद्ध बिक्री में सालाना आधार पर 5.3% की गिरावट दर्ज हुई और यह 8,003 करोड़ रुपये रही। ब्याज, टैक्स, डिप्रिशिएशन और अमोर्टाइजेशन से पहले की कमाई (EBITDA) में 27.8% की गिरावट हुई और यह 1,239.5 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो पिछले साल 1,716.2 करोड़ रुपये थी। इसके साथ ही, कर के बाद लाभ में 42.4% की कमी आई और यह 694.6 करोड़ रुपये रह गया।
तकनीकी स्थिति:
किसी स्टॉक में उसके हाई से 20% से अधिक की गिरावट को अक्सर पॉजिटिव से नेगेटिव ट्रेंड में बदलाव का संकेत माना जाता है। ऐसे में ट्रेडर्स इस गिरावट को ‘बियर मार्केट’ के संकेत के रूप में देख रहे हैं।
एशियन पेंट्स के शेयर का चार्ट पर स्थिति:
वर्तमान कीमत: 2,545 रुपये
नीचे जाने का जोखिम: 16.5%
समर्थन स्तर: 2,315 रुपये
रेजिस्टेंस स्तर: 2,750 रुपये, 2,930 रुपये, 3,030 रुपये
सोमवार की गिरावट के बाद, एशियन पेंट्स के शेयर में 2018 के बाद पहली बार लंबे समय के चार्ट्स पर ‘डाउनसाइड ब्रेकआउट’ (सुपरट्रेंड लाइन से नीचे) का संकेत देखा गया है। पिछले महीने तक यह स्टॉक अपने मासिक सुपरट्रेंड लाइन के ऊपर ट्रेड कर रहा था। इस गिरावट की पुष्टि के लिए नवंबर के अंत तक एशियन पेंट्स के शेयर का 2,630 रुपये से नीचे बंद होना जरूरी है।
मई 2018 में 1,160 रुपये से शुरू होकर यह स्टॉक लगभग 193% बढ़कर इस साल सितंबर में अपने हाई पर पहुंचा। इस गिरावट से संकेत मिलता है कि स्टॉक में अब आगे बढ़ने की संभावनाएं कम हो सकती हैं। एशियन पेंट्स का स्टॉक अभी अपने 20 और 50 महीने के मूविंग एवरेज (MMA) के नीचे ट्रेड कर रहा है। इसका मतलब है कि 2,925 रुपये और 3,025 रुपये के स्तरों पर इसे ऊपर बढ़ने में मुश्किल हो सकती है।
नजदीकी भविष्य का रुझान:
जब तक स्टॉक 2,700 रुपये के स्तर से नीचे ट्रेड कर रहा है, इसका रुझान निगेटिव ही रहने की संभावना है। गिरावट जारी रहने पर यह स्टॉक 2,125 रुपये के 100-MMA समर्थन स्तर की ओर जा सकता है। इसके अलावा, इसके बीच में समर्थन स्तर 2,460 रुपये और 2,230 रुपये के आसपास हैं, जो पिछले तीन साल में नहीं देखे गए हैं।