भारत में निजी इक्विटी और उद्यम पूंजी (पीई/वीसी) में निवेश साल 2023 में अब तक 697 सौदों में करीब 41 फीसदी कम होकर 27.89 अरब डॉलर हो गया। बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी मिली है।
वेंचर इंटेलिजेंस और इंडियन वेंचर कैपिटल एसोसिएशन (आईवीसीए) की रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि, निकासी के मामले में भारत ने बेहतर प्रदर्शन किया है।
साल के दौरान 248 कंपनियों से पीई निकासी 19.34 अरब डॉलर रही, जो साल 2022 के 233 निकासी से 18.48 अरब डॉलर से थोड़ी ज्यादा है। इस बीच वीसी निकसी भी साल 2022 के 113 सौदों में 3.09 अरब डॉलर से बढ़कर इस साल अब तक 79 सौदों में 3.46 अरब डॉलर है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सौदों की संख्या में गिरावट निवेशकों के सोच समझकर निर्णय करने और प्रभावशाली निवेश जैसे कदम उठाने के कारण है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘सौदों की संख्या कम होने से पता चलता है कि निवेशक सोच-समझकर निर्णय ले रहे हैं और वे लंबी अवधि के लिहाज से फायदे और निरतंरता संबंधी अवसरों पर गौर कर रहे हैं।’
निवेश में कमी ऐसे वक्त में आई है जब भारतीय स्टार्टअप कंपनियों में निवेश कम हो रहा है और वे तथाकथित फंडिंग विंटर से जूझ रही है।
निवेशक इस दौरान निवेश करने के बजाय अपने पर्स को मजबूत करते हैं। भारी पूंजी प्रवाह के बाद स्टार्टअप कंपनियों ने साल 2021 में 42 अरब डॉलर की भारी पूंजी जुटाई थी। तब से बाजार इसे ठीक कर रहा है और नतीजतन निवेश में कमी आई है।