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गेहूं खरीद 3.82 करोड़ टन के नए रिकॉर्ड पर पहुंची

Last Updated- December 15, 2022 | 12:35 PM IST

सरकार की 2020-21 विपणन वर्ष में गेहूं की खरीद 3.82 करोड़ टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। इसके साथ ही पंजाब को पीछे छोड़कर मध्य प्रदेश देश के केंद्रीय अन्न भंडार में गेहूं देने वाला सबसे बड़ा राज्य बन गया है।
खाद्य मंत्रालय के बयान के अनुसार सरकारी खरीद से पूरे भारत में 42 लाख किसानों को फायदा पहुंचा है और उन्हें गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के रूप में लगभग 73,500 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।
गेहूं खरीद का पिछला रिकॉर्ड 2012-13 में 3.81 करोड़ टन का था। गेहूं की खरीद 2019-20 के विपणन वर्ष में 3.41 करोड़ टन थी। गेहूं का विपणन वर्ष अप्रैल से मार्च तक चलता है, हालांकि अधिकांश खरीद पहले तीन महीनों में की जाती है। चालू वर्ष के लिए गेहूं खरीद का लक्ष्य 4.07 करोड़ टन तय किया गया है। केंद्रीय संगठन भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और राज्य एजेंसियां एमएसपी पर गेहूं खरीदती हैं।
खाद्य मंत्रालय के मुताबिक मध्य प्रदेश केंद्रीय पूल में हिस्सेदारी करने वाला सबसे बड़ा राज्य बन गया है और वहां 1.29 करोड़ टन गेहूं की खरीद हुई है और वह पंजाब से आगे निकल चुका है, जहां 1.27 करोड़ टन गेहूं की खरीद हुई है। इसमें कहा गया है कि हरियाणा से 74 लाख टन, उत्तर प्रदेश से 32 लाख टन और राजस्थान से 19 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है और इन राज्यों ने भी गेहूं की राष्ट्रीय खरीद में अहम भूमिका निभाई है।
केंद्रीय पूल में खाद्यान्न की भारी आवक से यह सुनिश्चित होता है कि एफसीआई आगामी महीनों में देश के लोगों की खाद्यान्न की अतिरिक्त जरूरतें पूरी करने में सक्षम है। सरकारी एजेंसियों ने इस अवधि में 1.19 करोड़ टन रबी के धान की खरीद की है।

First Published - June 17, 2020 | 11:49 PM IST

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