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सिकुड़ गई रबर उत्पादन की विकास दर

Last Updated- December 08, 2022 | 8:40 AM IST

प्राकृतिक रबर  के उत्पादन की विकास दर चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से नवंबर की अवधि के दौरान 13.1 प्रतिशत दर्ज की गई जो अप्रैल से अक्टूबर की 19.6 प्रतिशत की दर से कम है।


गौर करने लायक बात यह है कि अप्रैल से सितंबर की अवधि में रबर उत्पादन की विकास दर 27.1 प्रतिशत की रही। अक्टूबर से दिसंबर की अवधि भारत में रबर उत्पाददन का मुख्य सीजन होता है और इस अवधि में उत्पादन में वृध्दि का अनुमान किया जा रहा था।

यद्यपि, रबर बोर्ड का अनुमान था कि अकेले नवंबर महीने में 1,00,000 टन प्राकृतिक रबर का उत्पादन होगा लेकिन वास्तविक उत्पादन अनुमान से 5,000 टन कम रहा है।

उत्पादन की रफ्तार घटने का सीधा सा मतलब है कि कीमतों आई जबर्दस्त गिरावट का प्रभाव उत्पादक क्षेत्रों पर बुरी तरह हुआ है।

आरएसएस ग्रेड-4 रबर की कीमतें 30 अगस्त की अधिकतम कीमत 142 रुपये प्रति किलो से घट कर 60 रुपये प्रति किलो के स्तर पर आ गई हैं।

वैश्विक आर्थिक मंदी के कारण रबर की कीमतों में भारी और अप्रत्याशित कमी दर्ज की गई है और देश के लाखों रबर उत्पादकों पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ा है।

कारोबारी सूत्रों ने बताया कि साल 2008-09 का कुल उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में अधिक होगा और यह 9,00,000 टन को पार कर सकता है।

पिछले वित्त वर्ष में कुल उत्पादन 8,25,000 टन हुआ था। उनका कहना है कि उत्पादन में आई मंदी से इस वित्त वर्ष के कुल उत्पादन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

बोर्ड के आकलन के मुताबिक नवंबर के अंत तक देश में 1,75,300 टन प्राकृतिक रबर का भंडार था जबकि साल 2007 की समान अवधि में यह 1,48,340 टन था।

बेहतर मौसमी परिस्थितियों के कारण चालू वित्त वर्ष में बाजार में रबर का पर्याप्त भंडार उपलब्ध होगा। दिसंबर और जनवरी में उत्पादन के बढ़ने की भी उम्मीद है।

अप्रैल से अक्टूबर की अवधि में अधिक उत्पादन होने से रबर के भंडार में इस तरह की बढ़ोतरी देखी गई है। अप्रैल से नवंबर की अवधि में कुल उत्पादन 5,74,865 टन का रहा जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 5,08,330 टन था।

अकेले नवंबर में इस साल 95,000 टन रबर का उत्पादन हुआ है जबकि साल 2007 के इसी महीने में 1,09,480 टन का उत्पादन हुआ था। हालांकि, वैश्विक आर्थिक मंदी का रबर आधारित उद्योगों पर बुरा प्रभाव पड़ा है लेकिन खपत की दर अप्रैल से नवंबर के दौरान 4.2 प्रतिशत के स्तर पर ही बनी रही।

लेकिन अप्रैल से सितंबर के दौरान यह विकास दर 5.2 प्रतिशत और अप्रैल से अगस्त के दौरान 6.8 प्रतिशत दर्ज की गई थी। अप्रैल से नवंबर के दौरान देश में कुल 5,93,375 टन प्राकृतिक रबर की खपत हुई जो पिछले वित्त की समान अवधि के 5,69,460 टन से अधिक है।

First Published - December 10, 2008 | 9:56 PM IST

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