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सितंबर से दाम बढ़ाने की तैयारी में इस्पात कंपनियां

Last Updated- December 15, 2022 | 2:53 AM IST

बढ़ती लागत और ऊंची अंतरराष्ट्रीय कीमतों को ध्यान में रखते हुए इस्पात कंपनियां सितंबर से कीमतें बढ़ाने की तैयारी कर रही हैं।
जेएसडब्ल्यू स्टील के निदेशक (विपणन, वाणिज्यिक एवं कॉरपोरेट रणनीति) जयंत आचार्य ने कहा कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कीमतों के बीच अंतर मौजूदा समय में लगभग 8 प्रतिशत का है। उन्होंने कहा, ‘सितंबर से कीमतें बढ़ाने की योजना है। कितनी वृद्घि की जाएगी, इस पर निर्णय लिया जाना है।’
आचार्य ने कहा कि लौह अयस्क कीमतें 6 साल के ऊंचे स्तर पर हैं। उन्होंने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय इस्पात कीमतें अगस्त में भी बढ़ी हैं।’ अप्रैल 2019 में हॉट रोल्ड कॉइल (एचआरसी) के लिए औसत एफओबी चाइना का भाव 532 डॉलर प्रति टन था। अगस्त 2020 के शुरू में, यह 495 डॉलर पर था और मौजूदा समय में 515 डॉलर है जिससे करीब 20 डॉलर प्रति टन की वृद्घि का पता चलता है। हालांकि मौजूदा कीमत अभी भी पिछले साल के अप्रैल स्तर पर नहीं पहुंची है।
सितंबर से कीमत वृद्घि 2,000-3,000 रुपये प्रति टन के दायरे में हो सकती है। जहां एक प्रमुख इस्पात उत्पादक ने कहा कि इस्पात कीमतों में 3,000 रुपये प्रति टन की वद्घि पर विचार किया गया है, वहीं सेकेंडरी इस्पात उत्पादक ने कहा कि यह कीमत वद्घि 2,000 रुपये प्रति टन हो सकती है। दूसरी तिमाही में, अब तक इस्पात कीमतों में करीब 3,000 रुपये प्रति टन तक का इजाफा हो चुका है।
आचार्य ने कहा कि दुनियाभर में मांग सुधर रही है और अगस्त मेें औसत बिक्री कोविड-पूर्व स्तरों के आसपास रही है। हालांकि कीमतें मार्च के कोविड-पूर्व स्तरों पर नहीं पहुंची हैं। सेकंडरी इस्पात उत्पादक ने कहा, ‘जहां घरेलू बाजार में मांग सुधरी है, वहीं निर्यात बाजार में भी उत्साह दिखा है।’
जॉइंट प्लांट कमेटी (जेपीसी) के आंकड़े से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2021 के पहले चार महीनों में सेमी-फिनिश्ड इस्पात का निर्यात वित्त वर्ष 2020 में सेमी-फिनिश्ड इस्पात निर्यात की कुल मात्रा को पार कर गया। चूंकि दुनियाभर के देश अब लॉकडाउन से बाहर निकल रहे हैं जिससे मांग में सुधार देखा गया है।

First Published - August 28, 2020 | 12:33 AM IST

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