सितंबर महीने में स्टील और सीमेंट की कीमतें स्थिर रहने के आसार हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इन जिंसों की कीमतों में नरमी और मांग में सुस्ती की वजह से ऐसी उम्मीद जताई जा रही है।
उदाहरण के तौर पर अंतरराष्ट्रीय बाजार से आयातित हॉट रोल्ड कॉयल (एचआरसी) की कीमत जुलाई महीने में 1120 डॉलर प्रति टन के स्तर पर थी, जो अब घटकर 1020 डॉलर प्रति टन पर आ गई है। हाल फिलहाल रुपये में कमजोरी के बावजूद एचआरसी की अंतरराष्ट्रीय कीमत और घरेलू बाजार में मौजूद एचआरसी की कीमत से थोड़ा ही अंतर है।
यह अलग बात है कि अंतरराष्ट्रीय कीमत घरेलू बाजार से ज्यादा है। ऐसे में अगर घरेलू बाजार में कीमत बढाने की कोशिश की गई तो इसका आयात बढ़ेगा क्योंकि फिलहाल इस पर आयात कर नहीं लगता। स्टील सचिव ने हाल में कहा था कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें घट रही हैं, ऐसे में घरेलू बाजार में कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना नगण्य है। उन्होंने कहा था कि हमें उम्मीद है कि स्टील की कीमतें स्थिर रहेंगी।
उधर, एक और जिंस सीमेंट की कीमतें सरकार के लिए 2007 से ही चिंता का सबब बनी हुई है और उम्मीद की जा रही है कि इसकी कीमतें भी स्थिर यानी अपरिवर्तित रहेंगी। बारिश के कारण सीमेंट की मांग में कमी आई है, लिहाजा फिलहाल कीमत बढ़ने की गुंजाइश नहीं है।
देश के दूसरी सबसे बड़ी सीमेंट उत्पादक कंपनी अंबुजा सीमेंट के प्रबंध निदेशक ए. एल. कपूर ने कहा – सीमेंट की मांग में सुस्ती की वजह से कीमतों पर दबाव बना रहेगा। इसके साथ ही 2.5 करोड़ टन सीमेंट उत्पादन की नई कपैसिटी लगने की वजह से भी इस साल सीमेंट की कीमतों पर असर पड़ेगा। अपवाद के तौर पर दक्षिणी राज्यों को छोड़कर हर इलाकों से मांग में कमी आई है।
जेएसडब्ल्यू के चेयरमैन और एमडी सान जिंदल ने 9 अगस्त को कहा था कि सीमेंट और स्टील दोनों की सेक्टर में कीमतें स्थिर रहेंगी क्योंकि महंगाई की दर लगातार 12 फीसदी के स्तर पर बनी हुई है। उन्होंने कहा – हम नहीं चाहते कि सरकार स्टील की बढ़ती कीमतों की वजह से परेशान हो।
उन्होंने कहा कि हम तब तक कीमतें नहीं बढ़ाएंगे जब तक कि महंगाई काबू में नहीं आती। जिंदल का यह बयान महंगाई से जूझ रही सरकार के लिए राहत की बात है। गौरतलब है कि थोक मूल्य सूचकांक में स्टील का भारांक 3.64 फीसदी का है जबकि सीमेंट का भारांक 1.73 फीसदी का। स्टील और सीमेंट कंपनियों ने मई में सरकार से मई में वादा किया था कि वे तीन महीने तक कीमतें नहीं बढाएंगे।
स्टील कंपनियों के लिए कीमतें न बढ़ाने की मियाद 7 अगस्त को समाप्त हो चुकी है जबकि सीमेंट कंपनियों के लिए इसकी मियाद 14 अगस्त को। बावजूद इसके सीेमेंट व स्टील की कीमतें स्थिर हैं। हालांकि दोनों ही उद्योग अयस्क, कोकिंग कोल, मालभाड़ा आदि की कीमत में बढ़ोतरी के चलते दबाव में हैं।