देश में सोयाबीन की पेराई (crushing) जोर पकड़ने लगी है। तेल वर्ष 2022-23 के शुरुआती 2 महीनों के दौरान पेराई में 42.85 फीसदी इजाफा हुआ है। चालू तेल वर्ष के दौरान कुल पेराई करीब 19 फीसदी बढ़ने का अनुमान है। सोयाबीन उत्पादन में बढ़ोतरी की तुलना में इस साल पेराई 42 फीसदी बढ़ी
देश में सोयाबीन की पेराई (crushing) जोर पकड़ने लगी है। तेल वर्ष 2022-23 के शुरुआती 2 महीनों के दौरान पेराई में 42.85 फीसदी इजाफा हुआ है। चालू तेल वर्ष के दौरान कुल पेराई करीब 19 फीसदी बढ़ने का अनुमान है। सोयाबीन उत्पादन में बढ़ोतरी की तुलना में इस साल पेराई काफी ज्यादा होने का अनुमान है क्योंकि पिछले साल का बकाया स्टॉक काफी होने से सोयाबीन की उपलब्धता अधिक है।
सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार तेल वर्ष 20220-23 के अक्टूबर महीने में 8 लाख टन और नवंबर महीने में 12 लाख टन सोयाबीन की पेराई हो चुकी है। अक्टूबर के मुकाबले नवंबर में पेराई 50 फीसदी बढ़ी है। इन दो माह के दौरान 20 लाख टन पेराई हुई, जो पिछली समान अवधि में हुई 14 लाख टन पेराई से 42.85 फीसदी ज्यादा है।
सोयाबीन प्लांट, कारोबारी और किसानों के पास एक दिसंबर तक 111.70 लाख टन सोयाबीन का स्टॉक उपलब्ध है।सोपा के कार्यकारी निदेशक डी एन पाठक ने बताया कि दो महीने में 20 लाख टन सोयाबीन की पेराई हो चुकी है और वर्ष 2022-23 के दौरान 100 लाख टन सोयाबीन की पेराई होने का अनुमान है, जबकि वर्ष 2021-22 के दौरान 84 लाख टन सोयाबीन की पेराई हुई थी।
चालू तेल में पेराई करीब 19 फीसदी बढ़ने की मुख्य वजह पिछले तेल वर्ष के 25.15 लाख टन स्टॉक (कैरी ओवर स्टॉक) की उपलब्धता इस तेल वर्ष होना है। वर्ष 2021-22 में यह स्टॉक महज 1.83 लाख टन ही था। सोपा के मुताबिक वर्ष 2022-23 में 120.40 लाख टन सोयाबीन पैदा होने का अनुमान है, जो वर्ष 2021-22 में पैदा हुए 118.89 लाख टन सोयाबीन से अधिक है। पिछले साल के बकाया स्टॉक और आयात को मिलाकर चालू तेल में सोयाबीन की कुल उपलब्धता 147.55 लाख टन रहने का अनुमान है। पिछले तेल वर्ष में यह आंकडा 126.27 लाख टन था।
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ओरिगो कमोडिटीज में सीनियर मैनेजर (कमोडिटी रिसर्च) इंद्रजीत पॉल ने बताया कि ओरिगो कमोडिटीज ने इस साल सोयाबीन उत्पादन 3.30 फीसदी बढ़कर 123.30 लाख टन होने का अनुमान लगाया है। उत्पादन में इतना कम बढ़ने के बावजूद पेराई काफी ज्यादा बढ़ने की वजह पिछले साल का स्टॉक ज्यादा होना है।