विश्व में भले ही मंदी की बात की जा रही हो लेकिन भारत में यदि घरों के खर्चों की बात करें तो कहानी कुछ और ही नजर आती है।
यदि खाद्य तेल आयात के आंकड़ों को देखें तो भारत में एक औसत मध्यवर्गीय परिवार में खाने-पीने पर होने वाले खर्च में बहुत तेजी आती जा रही है। पिछले साल की तुलना में इस तेल वर्ष ( नवंबर 2007 से अक्टूबर 2008 के बीच) में खाद्य तेलों के आयात में 7 फीसदी का इजाफा होने की बात की जा रही है।
गौरतलब है कि पिछले साल 55.9 लाख टन खाद्य तेलों का आयात किया गया था जो इस साल बढ़कर 60 लाख टन तक पहुंच सकता है। इसमें 50,000 टन वनस्पति भी शामिल है। सॉल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स असोसिएशन (एसईए)के मुताबिक कमजोर फसल के चलते और नवंबर में खरीफ की फसल के बाजार में आने तक अगले तीन-चार महीनों तक हर महीने 5.50 लाख से लेकर 6 लाख टन खाद्य तेल का आयात किया जाएगा। खाद्य तेलों का कुल आयात 51 से 52 लाख टन के बीच रहने का अनुमान है जबकि गैर खाद्यों का आयात 6.5 लाख टन रहने का अंदाजा लगाया गया है।
दूसरी ओर इस साल वनस्पति के आयात में गिरावट आने की संभावना व्यक्त की जा रही है। पिछले साल श्रीलंका से वैध और अवैध तरीकों से तकरीबन 2.5 से 3 लाख टन वनस्पति का आयात किया गया था जिसके इस साल घटकर 50,000 टन तक पहुंचने के आसार हैं। इसकी वजह सरकार द्वारा कच्चे खाद्य तेल पर डयूटी हटाने को बताया जा रहा है। ऐसा करने के पीछे भी एक वजह अवैध आयात को रोकना ही है।
एसईए के जारी आंकड़ों के अनुसार चालू तेल वर्ष ( नवंबर से जून) के पहले आठ महीनों में खाद्य और गैर खाद्य तेलों का आयात 12 फीसदी बढ़कर 35,67,123 टन हो गया है। जबकि पिछले साल इसी दौरान यह 31,99,046 टन था। अगर खाद्य तेलों की बात की जाए तो इस दौरान इनके आयात में 13 फीसदी की तेजी आई और यह पिछले साल के 27,48,861 टन से बढ़कर 30,96,556 टन हो गया। वहीं गैर खाद्य तेलों का आयात इस दौरान 5 फीसदी बढ़कर 4,70,567 टन हो गया। जबकि इसी दौरान पिछले साल 4,50,185 टन गैर खाद्य तेलों का आयात किया गया था।
जून में खाद्य तेलों का कुल आयात बढ़कर 5,50,201 टन हो गया जबकि मई में 3,02,345 टन कुल खाद्य तेलों का आयात किया गया वहीं अप्रैल में यह आंकड़ा 3,09,629 टन का था। जबकि गैर खाद्य तेलों का जून में कुल आयात घटकर 43,529 टन हो गया जबकि मई में यह आंकड़ा 52,219 टन हो गया। अप्रैल और मई में कम आयात की वजह से कई चीजों में दिक्कत आने लगी। इसी के चलते जून में आयात में बहुत तेजी आई। इस साल जून में 5,93,730 टन का आयात किया गया जबकि पिछले साल जून में 5,90,552 टन का आयात किया गया था।
पिछले दो महीनों में क्रूड पाम ऑयल, आरबीडी पामोलिन और सूरजमुखी तेल की कीमतों में 7 से 8 फीसदी की कमी आई है। इसकी वजह जून के आखिर तक रेकॉर्ड 20 लाख टन के भंडार को बताया जा रहा है। इस समय क्रूड पाम ऑयल की कीमतें 1260 डॉलर, क्रूड सोयाबीन ऑयल की 1160 और कच्चे सोयाबीन तेल की कीमतें 1460 डॉलर प्रति टन हैं।