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महंगाई की मार से गुड़ी पड़वा पर सोने के आभूषणों की बिक्री सुस्त

Published by   बीएस संवाददाता
- 22/03/2023 11:34 PM IST

हिंदू नव वर्ष विक्रम संवत (2080) के प्रथम दिन को महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा के रुप में मनाया जाता है। इस दिन महाराष्ट्र में आभूषणों की खरीदारी करना शुभ माना जाता है। यही वजह है कि आज सोने-चांदी के शोरुम में खरीदारों की भीड़ उमड़ती है। सोना महंगा होने के कारण इस साल गुड़ी पड़वा पर आभूषणों की बिक्री उम्मीद से कम रही। पिछले साल के अपेक्षा बिक्री करीब 20 फीसदी कम हुई। ज्वैलर्स के साथ बिल्डरों ने भी इस दिन के लिए खास लुभावने ऑफर लेकर आए, जिन्हे बेहतर बुकिंग की की उम्मीद है।

नवरात्रि के पहले दिन (गुड़ी पड़वा) सोने की कीमत गिरकर 58,402 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। कल मंगलवार को 10 ग्राम सोने का भाव 59,188 रुपये पर बंद हुआ था। गिरावट के बावजूद सोना पिछले साल की अपेक्षा करीब 14 फीसदी मंहगा है। पिछले साल दो अप्रैल को गुड़ी पड़वा के दिन घरेलू बाजार में सोना 51,431 रुपये प्रति 10 ग्राम था और चांदी 66,889 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रही थी जबकि आज चांदी 68,221 रुपये प्रति किलोग्राम थी। कीमतें अधिक होने की वजह से लोगों ने परंपरा के अनुसार खरीदारी तो की लेकिन उम्मीद से कम बिक्री हुई।

सोने की कीमत ज्यादा होने के बावजूद ग्राहक अच्छी संख्या में खरीदारी करने ज्वैलर्स के यहां पहुंचे। मुंबई ज्वैलर्स एसोसिएशन के सचिव एवं उमेदमल तिलोकचंद के मालिक कुमार जैन के मुताबिक इस साल आभूषणों की बिक्री में 40-50 फीसदी की गिरावट आने की संभावना है, क्योंकि भारतीय बाजार में सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। खरीदार नई खरीदारी शुरू करने के लिए कीमतों में कुछ सुधार का इंतजार कर रहे हैं। कुमार कहते हैं कि कीमत के हिसाब से बात की जाए तो इस साल महाराष्ट्र में 375-400 करोड़ रुपये की बिक्री होने की संभावना है जबकि पिछले साल करीब 450 करोड़ रुपये के गहनों की बिक्री हुई थी।

मुंबई के झवेरी बाजार स्थित थोक स्वर्ण व्यापारी संगम ज्वेल्स एन गोल्ड एलएलपी के निदेशक रमन सोलंकी ने कहते है कि इस त्योहारी सीजन के दौरान मांग में भारी गिरावट आने की संभावना है और उच्च कीमतों के कारण बिक्री में 50 फीसदी की गिरावट आने की संभावना है। सिक्कों और बुलियन के लिए लंबी अवधि की निवेश मांग पिछले साल की तरह ही रहने की उम्मीद है।

हालांकि शादी विवाह के सीजन होने के कारण ज्वैलर्स सोने की ऊंची कीमतों के बावजूद बिक्री की उम्मीद कर रहे हैं। पीएनजी ज्वैलर्स के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सौरभ गाडगिल ने कहा कि 15 जुलाई तक देश में शादियां है जिसको देखते हम पिछले साल की तुलना में व्यापार में 20 फीसदी वृद्धि की उम्मीद करते हैं। दूसरी तरफ कुछ ज्वैलर्स कहते हैं कि जिन ग्राहकों के परिवार में शादियां हैं, वे पुराने सोने के गहनों को नए गहनों से बदल रहे हैं, जबकि नए गहनों की बिक्री बहुत कम है। विश्व स्वर्ण परिषद के सीईओ सोमसुंदरम पीआर कहते हैं कि इस साल गुड़ी पड़वा तब भी मनाया जा रहा है जब घरेलू बाजार में सोने की कीमतें ऐतिहासिक ऊंचाई की ओर बढ़ रही हैं। कीमतों का दबाव ग्रामीण मांग को कमजोर रख सकता है। शहरी खरीदारी और डिजिटल सोने पर भी असर पड़ेगा।

रत्न आभूषण निर्यात परिषद के पूर्व अध्यक्ष कॉलिन शाह ने कहा कि सोने की कीमतें मुंबई बाजार में सोना कारोबार के दौरान 60 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकार्ड स्तर को छू गयी हैं। पिछले एक महीने में सोने की कीमतें लगभग 7-8 प्रतिशत बढ़ी हैं। तेजी मुख्य रूप से पश्चिम में बैंकिंग संकट के कारण है। विश्व स्तर पर मौजूदा स्थिति को स्पष्ट होने में कुछ समय लग सकता है। विश्व स्तर पर, केंद्रीय बैंक अपने स्वर्ण भंडार को बढ़ा भी रहे हैं। अगले कुछ महीनों में सोने में और तेजी आएगी और नयी ऊंचाई को छुएगा। घरेलू बाजार में इसके 61,000-62,000 प्रति 10 ग्राम के दायरे में रहने की उम्मीद है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पीली धातु 2,050-2100 डालर प्रति औंस के स्तर तक जा सकती है।

गुड़ी पड़वा पर ज्वैलर्स ने मेकिंग चार्ज में 10 फीसदी से लेकर 100 फीसदी तक की छूट के बेहतरीन ऑफर दिये तो डेवलपर भी अपने प्रोजेक्टों में घर खरीदारों के लिए एक से बढ़कर एक लुभावने ऑफर लेकर आए है। जिसमें स्टांप ड्यूटी में छूट, फ्री पार्किंग, फर्नीचर इत्यादि थे। हालांकि घरों के बिक्री के आंकड़े तो नहीं मिल सके लेकिन बिल्डर्स दावा कर रहे हैं कि इस बार घरों की बिक्री पिछले साल के अपेक्षी ज्यादा है। गौरतलब है कि गुड़ी पड़वा के दौरान सार्वजनिक अवकाश के कारण स्टांप ड्यूटी और निबंधन कार्यालय सहित सभी सरकारी कार्यालय बंद रहते हैं।

महाराष्ट्र सहित गुड़ी पड़वा पर्व को कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में धूमधाम से मनाया जाता है। इसका शाब्दिक अर्थ है नए साल का पहला दिन। गुड़ी पड़वा एक मराठी शब्द है, जो दो शब्दों से मिलकर बना है। गुड़ी जिसका अर्थ है भगवना ब्रह्मा का ध्वज जिसे समृ्द्धि का प्रतीक माना जाता है। और पड़वा का अर्थ है चंद्रमा के चरण।