खरीफ फसलों की बुआई 28 अगस्त को समाप्त सप्ताह में अब तक के रिकॉर्ड स्तर 1,082.2 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गई है। इससे इस सीजन के दौरान अनाज उत्पादन ज्यादा होने की उम्मीद बढ़ी है। खरीफ की बुआई का पिछला रिकॉर्ड 2016 का है, जब 1075.7 लाख हेक्टेयर रकबे में बुआई हुई थी।
खरीफ की फसल की पैदावार बेहतर रहने के कारण कुल मिलाकर खुदरा महंगाई काबू में रहेगी। भारतीय रिजर्व बैंक ने महंगाई 2 से 6 प्रतिशत के बीच में रहने का लक्ष्य रखा है। अप्रैल के बाद से खुदरा महंगाई 7 प्रतिशत के आसपास है, जो मुख्य रूप से खाद्य वस्तुएं महंगी होने की वजह से है। साथ ही अतिरिक्त उत्पादन की मांग को लेकर भी सवाल बना हुआ है और अगर आने वाले महीनों में मांग नहीं बढ़ती है तो कीमतें निचले स्तर पर जा सकती हैं और इससे उत्पादकों पर बहुत बुरा असर पड़ेगा।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ‘कुछ इलाकों में धान की रोपाई अभी चल रही है, जबकि दलहन, मोटे अनाज, बाजरा और तिलहन की बुआई करीब खत्म हो गई है। हमें विश्वास है कि 2020-21 में खाद्यान्न उत्पादन 2983.2 लाख टन के लक्ष्य को पार कर जाएगा।’