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Rabi sowing 2023: गेहूं व चने का रकबा घटा, सरसों का बढ़ा

रबी सीजन की गेहूं, चना और सरसों तीन प्रमुख फसलें हैं। इनमें सबसे ज्यादा करीब 8 फीसदी गिरावट चना की बोआई में आई है। गेहूं का रकबा भी एक फीसदी से ज्यादा घटा है।

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रामवीर सिंह गुर्जर   
Last Updated- December 29, 2023 | 11:21 PM IST

Rabi sowing 2023: इस साल रबी फसलों की बोआई में सुस्ती देखी जा रही है। इस सीजन की सबसे बड़ी फसल गेहूं का रकबा  1.24 फीसदी गिरावट के साथ पिछले साल के करीब पहुंच गया है। दलहन फसलों में सबसे बड़ी फसल चना के रकबा में कर्नाटक और महाराष्ट्र में कम बारिश के कारण 8 फीसदी कमी आई है। मोटे अनाजों में ज्वार का रकबा भी घटा है। हालांकि इस सीजन की प्रमुख तिलहन फसल सरसों की बोआई में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

देश में 29 दिसंबर को समाप्त सप्ताह तक 629.65 लाख हेक्टेयर में रबी फसलें बोई जा चुकी हैं, जो पिछली समान अवधि में 646.16 लाख हेक्टेयर में हुई बोआई से करीब 2.55 फीसदी कम है। इस बीच, IMD ने अपने ताजा मौसम अनुमान में कहा कि 4 जनवरी तक देश के किसी भी हिस्से में बड़ी शीतलहर की संभावना नहीं है। लेकिन 5 से 11 जनवरी तक पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, राजस्थान और यूपी के अलग-अलग हिस्सों में शीतलहर चलने की अधिक संभावना है। गेहूं की फसल के लिए ठंडा मौसम और कोहरे की स्थिति उपयुक्त मानी जाती है।

गेहूं का रकबा घटकर 320.54 लाख हेक्टेयर

गेहूं रबी सीजन की सबसे बड़ी फसल है। इस सप्ताह तक 320.54 हेक्टेयर में गेहूं की बोआई हो चुकी है। पिछले साल की इसी अवधि में यह आंकड़ा 324.58 लाख हेक्टेयर था। इस तरह इस साल गेहूं के रकबा में 1.24 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है। गेहूं का सामान्य रकबा 307.32 लाख हेक्टेयर है।

जाहिर है इस साल सामान्य रकबे की तुलना में गेहूं ज्यादा बोया गया है। मोटे अनाजों की बोआई 1.39 फीसदी बढ़कर 47.29 लाख हेक्टेयर हो गई है। हालांकि रबी सीजन में सबसे ज्यादा बोया जाने वाला ज्वार का रकबा करीब आधा फीसदी घटकर 21.04 लाख हेक्टेयर रह गया। इस दौरान जौ की बोआई करीब 9.50 फीसदी बढ़ी है, जबकि मक्के का रकबा लगभग पिछले साल के बराबर 17.53 लाख हेक्टेयर रहा।

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चने की बोआई करीब 8 फीसदी घटी

चना भी रबी सीजन की प्रमुख और दलहन की सबसे बड़ी फसल है। इस साल इसकी बोआई में भी कमी देखी जा रही है। देश में 29 दिसंबर तक 97.05 लाख हेक्टेयर में चना बोया गया है। पिछले साल इस समय तक 105.80 लाख हेक्टेयर में चना की बोआई हुई थी। पिछले साल की तुलना में इस साल चने के रकबा में 8.27 फीसदी कमी आई है।

उड़द का रकबा 17.15 फीसदी घटकर 4.78 लाख हेक्टेयर रह गया। हालांकि मसूर की बोआई 0.36 फीसदी बढ़कर 18.68 लाख, मटर की 0.22 फीसदी बढ़कर 9.43 लाख हेक्टेयर दर्ज की गई। चना और उड़द की बोआई में बड़ी गिरावट की वजह से कुल दलहन फसलों का रकबा करीब 7 फीसदी घटकर 142.49 लाख हेक्टेयर रह गया।

सरसों की बोआई में इजाफा

इस साल रबी सीजन में अब तक तिलहन फसलों की बोआई में सुस्ती देखी जा रही है। हालांकि इस सीजन की सबसे बड़ी तिलहन फसल सरसों के रकबा में इजाफा हुआ है। 29 दिसंबर तक सरसों की बोआई 1.72 फीसदी बढ़कर 97.29 लाख हेक्टयर दर्ज की गई। जबकि कुल तिलहन फसलों की बोआई 0.18 फीसदी घटकर 104.96 लाख हेक्टेयर दर्ज की गई। मूंगफली का रकबा सबसे ज्यादा 23.50 फीसदी घटकर 3.32 लाख हेक्टेयर रह गया।

First Published : December 29, 2023 | 8:13 PM IST