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आगे भी प्याज की महंगाई से राहत मिलने की संभावना

Last Updated- December 12, 2022 | 5:37 PM IST
onion export

बीते एक महीने से प्याज के दाम गिर रहे हैं और अगले एक महीने तक उपभोक्ताओं को प्याज की महंगाई से राहत मिलने की संभावना है। पुराने प्याज का स्टॉक काफी होने के बीच खरीफ सीजन वाले नई प्याज की आवक के दबाव में इसकी कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। कारोबारियों के मुताबिक आगे भी मंडियों में पुराने और नये प्याज की आवक भरपूर रहने वाली है। ऐसे में इसकी कीमतों में नरमी के आसार हैं।

केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक महीने भर में देश भर के खुदरा बाजार में प्याज की औसत कीमत 30.93 रुपये से घटकर 26.36 रुपये प्रति किलो रह गई है। इस दौरान दिल्ली की आजादपुर मंडी में थोक भाव 625—2,250 रुपये से घटकर 375—1,875 रुपये, खरीफ सीजन वाली प्याज के मुख्य उत्पादक राज्य कर्नाटक के बेंगलुरु में प्याज के दाम 500—2,500 रुपये से घटकर 500 से 2,200 रुपये और महाराष्ट्र की लासलगांव मंडी में इस दौरान भाव 700—3,100 रुपये से घटकर 500 से 2,400 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं।

भारतीय सब्जी उत्पादक संघ के अध्यक्ष श्रीराम गाढवे कहते हैं कि महीने भर से मंडियों में खरीफ सीजन वाले प्याज की भरपूर आवक हो रही है। इसके साथ ही स्टॉक वाला पुराना प्याज भी खूब आ रहा है क्योंकि इस साल रबी सीजन वाले प्याज का रिकॉर्ड उत्पादन होने से इसका भंडारण भी ज्यादा हुआ। नये और पुराने प्याज की आवक के दबाव में महीने भर से इसके दाम गिर रहे हैं। इस साल किसानों को ज्यादातर समय प्याज के दाम कम ही मिले। हालांकि बेमौसम बारिश से नुकसान के कारण अक्टूबर में जरूर प्याज महंगा हुआ था।

गाढवे का प्याज की आगे कीमतों के बारे में कहना है कि अगले एक महीने तक नये और पुराने प्याज की आवक खूब होती रहेगी। लिहाजा महीने भर तक उपभोक्ताओं को प्याज की महंगाई से राहत मिलने की संभावना है। लेकिन 15 जनवरी के बाद पुराने की प्याज की आवक लगभग खत्म हो जाएगी। चूंकि इस साल खरीफ सीजन में प्याज का उत्पादन कम हुआ है। ऐसे में 15 जनवरी से रबी सीजन के प्याज की आवक होने तक हो सकता है इसकी कीमतों में तेजी आए।

दिल्ली की आजादपुर मंडी के प्याज कारोबारी पीएम शर्मा ने बताया कि मंडी में इस समय राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात से प्याज की 100 से अधिक गाड़ियां आ रही हैं। प्याज की आवक मांग से ज्यादा है। इसलिए इसके दाम घट रहे हैं और फिलहाल इसकी कीमतों में तेजी के आसार नहीं दिख रहे हैं।

रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार खरीफ सीजन 2022-23 में प्याज का उत्पादन 13 फीसदी घटकर 95 लाख टन रहने का अनुमान है। इसकी वजह प्याज की खेती कम रकबे में होने के साथ ही बेमौसम बारिश से उत्पादकता में कमी आना है। खरीफ सीजन 2021-22 में प्याज उत्पादन 108 लाख टन था। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2021—22 में रिकॉर्ड 312 लाख टन प्याज का कुल उत्पादन हुआ, जो वर्ष 2020—21 के उत्पादन 266 लाख टन से करीब 17 फीसदी ज्यादा था।

First Published - December 12, 2022 | 5:37 PM IST

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