केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्पेशियलिटी स्टील (विशेष खूबियों वाले इस्पात के उत्पाद) के लिए 6,322 करोड़ रुपये की उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना पर मुहर लगा दी है। सरकार के इस कदम से इस खंड में अतिरिक्त 40,000 करोड़ रुपये निवेश आने का अनुमान है। समझा जा रहा है कि इससे इस खंड की क्षमता में भी 2.5 करोड़ टन का इजाफा होगा। इस संबंध में आज जारी सरकारी बयान के अनुसार इस योजना से करीब 5,25,000 लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे जिनमें 68,000 प्रत्यक्ष रोजगार होंगे।
स्पेशियलिटी स्टील खंड को सरकार ने खास तौर पर चुना है। इसकी वजह यह है कि वित्त वर्ष 2020-21 में कुल 10.2 करोड़ टन इस्पात का उत्पादन हुआ था जिनमें स्पेशियलिटी स्टील की मात्रा महज 1.8 करोड़ टन थी। आलोच्य वर्ष में 67 लाख टन इस्पात का आयात हुआ था जिनमें स्पेशियलिटी स्टील की हिस्सेदारी 40 लाख टन थी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इससे 30,000 करोड़ रुपये मूलय की विदेशी मुद्रा खर्च हो गई।
स्पेशियलिटी स्टील का इस्तेमाल रणनीतिक लिहाज से महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे रक्षा, अंतरिक्ष, बिजली, वाहन क्षेत्र, विशेष पूंजीगत वस्तु अािद में होता है। पीएलआई योजना में तीन श्रेणियां हैं। इनमें सबसे निचली श्रेणी 4 प्रतिशत और उच्चतम श्रेणी 12 प्रतिशत की है। इस योजना की अवधि पांच वर्षों (2023-24 से 2027-28) तक होगी।
भारतीय इस्पात संघ के अध्यक्ष एवं आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया (एएम/एनएस इंडिया)के मुख्य कार्याधिकारी दिलीप उम्मेन ने कहा कि सरकार की इस पहल से देश इस्पात उद्योग दुनिया में अन्य अग्रणी देशों की बराबरी करने में सक्षम हो पाएगा।
इस्पात क्षेत्र में तेजी दिख रही है और बड़ी इस्पात उत्पादक कंपनियों ने कारोबार विस्तार की योजनाएं तैयार की हैं। समझा जा रहा है कि इससे देश के इस्पात उद्योग को और मजबूती मिलेगी।
टाटा स्टील के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी टी वी नरेंद्रन ने कहा, ‘टाटा स्टील ने देश में आयात पर निर्भरता कम करने में अहम भूमिका निभाई है। खासकर वाहन क्षेत्र की इस्पात जरूरतों को पूरी करने में इसका अहम योगदान रहा है।’
उन्होंने कहा कि पीएलआई योजना हमारी भविष्य की कारोबारी योजना को और ताकत देगी। नरेंद्रन ने कहा कि भविष्य में मूल्य वद्र्धित उत्पादों पर विशेष जोर होगा और पीएलआई योजना में इसमें सहायक होगी। एम/एनएस इंडिया के मुख्य विपणन अधिकारी रंजन धर ने कहा कि पीएलआई योजना के बाद उनकी कंपनी वाहन आदि खंडों के लिए जरूरी इस्पात के उत्पादों में निवेश बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा क्षेत्र के लिए कोटेड स्टील खंड में भी एम/एनएस इंडिया बढ़-चढ़ कर निवेश करेगी।