पिछले कुछ सप्ताहों में ब्राजील और वियतनाम ने काली मिर्च की कीमतों में कमी की है। यह वैश्विक आयातकों और भारतीय निर्यातकों को अचंभित करने वाली बात है।
वियतनाम ने एएसटीए ग्रोड की कीमतें घटा कर 3,080 डालर प्रति टन कर दी है दूसरी तरफ ब्राजील, जहां कटाई जोर-शोर से चल रही है, ने बी-एएसटीए के लिए 2,800 डॉलर प्रति टन की कीमत तय की है। कुछ सप्ताह पहले एक विश्लेषक ने जैसी भविश्यवाणी की थी ठीक वैसा ही हो रहा है। विश्लेषक ने कहा था कि वैश्विक काली मिर्च बाजार में मंदी आने वाली है।
बाजार सूत्रों का अनुमान है कि आने वाले दिनों में वियतनाम कीमतें घटा कर 2,800 रुपये प्रति टन से नीचे भी ले जा सकता है। इसके विपरीत, भंडार कम होने और सर्दियों में बढ़ती मांगों के कारण घरेलू बाजार में कुछ तेजी रहेगी। भारत काली मिर्च के वैश्विक बाजार से एक हिसाब से बाहर हो चुका है क्योंकि एमजी1 की वर्तमान कीमत ब्राजील के मुकाबले 525 डॉलर और वियतनाम की तुलना में 245 डॉलर अधिक है।
निकट भविष्य में बाजार सूत्रों को विदेशी मांग की संभावना कम नजर आ रही है लेकिन घरेलू बाजार में स्थिति अच्छी रहेगी। भारत के पास लगभग 17,000 टन काली मिर्च का भंडार है। कोच्चि के कारोबारियों के अनुसार यह भंडार सर्दियों तक पूरी तरह समाप्त हो जाएगा।
काली मिर्च के भंडार की स्थिति के कारण वियतनाम पर कीमतें कम करने का दबाव बनता रहा है। इस देश के पास अभी भी 35,000 टन काली मिर्च का भंडार है और अगली फसल आने से पहले वह इसे खपाने की पूरी कोशिश कर रहा है।