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आसमान छूने लगी हैं प्याज की कीमतें

Last Updated- December 10, 2022 | 7:07 PM IST

एक दशक पहले दिल्ली विधान सभा चुनाव में प्याज की कीमतों ने भारतीय जनता पार्टी को रुलाया था और अब लोक सभा चुनाव का बिगुल बजने के बाद उत्तर प्रदेश के बाजारों में प्याज की कीमतें अप्रत्याशित रूप से बढ़ रही हैं।
एक पखवाड़े में स्थानीय बाजारों में इसकी कीमतें 5-6 रुपये प्रति किलो तक बढ़ गई हैं। शादी विवाह के इस मौसम में प्याज की खुदरा कीमत 22 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। कानपुर थोक सब्जी विक्रेता संघ के अध्यक्ष मोतीलाल कटियार ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि आपूर्ति की कमी की वजह से प्याज के कारोबारियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
पिछले साल की तुलना में प्याज के कारोबार की मात्रा में 40 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। अगली फसल आने तक स्थिति में बदलाव के भी कोई आसार नहीं हैं। यह संकट इसलिए आया है, क्योंकि मौसम की बेरुखी के चलते किसानों को पिछले मौसम में भारी नुकसान उठाना पड़ा था।
इसके साथ ही इस साल ज्यादा उत्पादन होने के चलते होने वाले नुकसान के भय से भी किसानों ने करीब 30 प्रतिशत कम बुआई की। कानपुर स्थित चकरपुर बाजार के प्याज के थोक कारोबारी हरिशंकर गुप्त ने कहा कि पिछले साल उत्पादन बहुत ज्यादा हुआ था, जिसके चलते किसानों को औने पौने दामों पर प्याज बेचना पड़ा था। इसी के चलते किसानों ने प्याज की बुआई कम की और अब संकट सामने है।
बहरहाल इस साल स्थिति में बदलाव आ गया है। गुप्त ने कहा कि मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में भी असमय बारिश के चलते नियमित फसल के उत्पादन में 25 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। इसके चलते इन राज्यों से भी प्याज की आवक में कमी आ गई है।
घरेलू आपूर्ति में करीब 70 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसके बावजूद सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्याज के निर्यात पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है। बड़े किसान और कारोबार अच्छी गुणवत्ता वाली प्याज का निर्यात करना पसंद करते हैं, क्योंकि उसमें मुनाफा अधिक होता है।
कटियार ने कहा कि अगर सरकार अगर स्थिति पर ध्यान नहीं देती है तो कीमतें इतनी ज्यादा हो जाएगी कि अगले कुछ महीनों में ग्राहकों के आंसू निकलने लगेंगे।

First Published - March 6, 2009 | 1:29 PM IST

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