भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने आज कहा कि मजबूत शुरुआत के साथ दक्षिण पश्चिमी मॉनसून कार्यक्रम से एक सप्ताह पहले देश के दो तिहाई से ज्यादा इलाकों में पहुंच चुका है वहीं उत्तर पश्चिमी भारत में मॉनसून का प्रसार सुस्त नजर आ रहा है, क्योंकि इसे आगे बढऩे की स्थितियां अनुकूल नहीं हैं।
मौसम विभाग ने कहा कि राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में मॉनसून की प्रगति धीमी रह सकती है।
मौसम का अनुमान लगाने वाली निजी क्षेत्र की एजेंसी स्काई मेट ने के मुख्य मौसम विज्ञानी ने कहा, ‘यह किसी तरह से मॉनसून में अवरोध नहीं है, लेकिन थोड़ी सी सुस्ती आई है। कुल मिलाकर मॉनसून की स्थिति छीक है और नियत तिथि के भीतर पूरे देश में मॉनसून पहुंचा है।’ उन्होंने कहा कि दिल्ली में मॉनसून पहुंचने की सामान्य तिथि 27 जून होती है और उस समय तक यह राजधानी में पहुंच जाएगा।
मौसम विभाग ने कहा है कि गणितीय मॉडलों के मुताबिक हवा के पैटर्न से यह संकेत नहीं मिलता कि पूर्वानुमान की अवधि में इस इलाके में सतत बारिश के लिए अनुकूल परिस्थितियां हैं।
मौसम विभाग ने इसके पहले अनुमान लगाया था कि दिल्ली में मॉनसूनी हवा करीब 12 दिन पहले 15 जून तक पहुंच सकती है। दिल्ली में सामान्य तौर पर 27 जून को मॉनसून पहुंचता है और 8 जुलाई तक पूरे देश में पहुंच जाता है।
स्काईमेट के मुताबिक पिछले साल दिल्ली में मॉनसूनी हवाएं 25 जून को पहुंची थीं और 29 जून तक पूरे देश में पहुंच गई थीं। रविवार को मेट कार्यालय ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश व बिहार में अगले 24 घंटे के दौरान कम दबाव के क्षेत्र के कारण तेज से बहुत तेज बारिश हो सकती है।
पश्चिमी विक्षोभ के कारण सोमवार को उत्तराखंड में कुछ इलाकों में भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने जून में अनुमान लगाया था कि 2021 में बारिश दीर्घावधि औसत का 101 प्रतिशत रहेगी और पूर्व और उत्तर पूर्वी भारत के इलाकों को छोड़कर पूरे देश में सामान्य से ऊपर या सामान्य बारिश होगी।